इस एपिसोड में यह बताया गया है की, बादशाही सेना ओरछा को चारों तरफ से घेर लेती है।तब रानी सारंधा चंपत राय से कहती है, हमें ओरछा छोड़ देना चाहिए, चंपत राय कहते हैं नहीं हम ओरछा नहीं छोड़ सकते। क्योंकि जिन वीरों ने हमारे लिए अपनी जान का बलिदान किया, उनके परिवार को मझदार में छोड़कर नहीं जाएंगे, तब रानी सारंधा कहती है अगर हम ओरछा छोड़ दें तो, हो सकता है बादशाह इन लोगों को छोड़ देगा या माफ कर देगा लेकिन चंपत राय ओरछा छोड़ने से मना कर देते हैं। फिर रानी सारंधा बोलती हैं अगर बादशाह हमसे यह वादा करें कि वह ओरछा के जन को छोड़ दें तब तो आप ओरछा छोड़ देंगे चंपत राय कहता है लेकिन यह प्रस्ताव बादशाह के पास लेकर जाएगा कौन? रानी सारंधा कहती हैं, हमारा पुत्र "छत्रसाल" हमारा प्रस्ताव बादशाह के सेनापति के पास लेकर जाएगा।