रात एक बजे का समय। तीर्थ बाबू की नींद टूट गयी। टेलीफ़ोन बज रहा था। आधी रात में टेलीफ़ोन बजने से क्यों इतना डर लगता है?
“हैलो। सुनिए… अस्पताल से बोल रहा हूँ…आपका पेशेंट अभी-अभी मर गया। हैलो।…”
“हमारा पेशेंट? हमारा कोई पेशेंट अस्पताल में नहीं है।”
“आपका नम्बर?”
“रॉन्ग नम्बर! टेलीफ़ोन रख दीजिए।”