साधो, मन का मान त्यागो।काम, क्रोध, संगत दुर्जन की, इनसे अहि निशि भागो,साधो, मन का मान त्यागो…सु:ख-दुःख दोऊ सम करि जानो, और मान अपमाना,हर्ष-शोक से रहै अतीता, तीनों तत्व पहचाना,साधो, मन का मान त्यागो…अस्तुति निंदा दोऊ त्यागो, जो है परमपद पाना,जन नानक यह खेल कठिन है, सद्गुरु के गुन गाना, साधो, मन का मान त्यागो…alternateअस्तुति निंदा दोऊ त्यागो, खोजो पद निरवाना,जन नानक यह खेल कठिन है,