गुरु जैसा नहीं कोई देव, जिस मस्तक भाग सो लागा सेव।। सतगुरु मेरा बे-मोहताज, सतगुरु मेरा सच्चा साज। सतगुरु मेरे की वडियाई, प्रगट भई है सबनी थांई।। सतगुरु के हों सब बलि जाइया, प्रगट मार्ग जिन कर दिखयाया। 'नानक' सोहे सिमरत वेद,पारब्रह्म गुरु नहीं 'भेद'।। _ _ https://soundcloud.com/braj-rasik-vinod-agarwal