संविधान संवाद का सातवां एपिसोड “नागरिकता” के सिद्धांत पर केन्द्रित है। इसके पहले भाग में हमने नागरिक, कौन है? नागरिकता का सिद्धांत क्या हैं? इसे कैसे परिभाषित किया जा सकता है? एवम् संविधान बनने के दौरान बंटवारे के बाद की स्थिति में नागरिकता के सिद्धांत को कैसे परिभाषित किया गया। इस पर विस्तार से बातचीत की है।
रीडिंग लिंक –
रीडिंग लिंक – 1 – “Kanika Gauba: Forgetting Partition”
रीडिंग लिंक – 2 – “Niraja Gopal Jayal: Faith-based Citizenship”
रीडिंग लिंक – 3 – “Niraja Gopal Jayal, Citizenship and its Discontents: An Indian History”