मेरा अनुरोध उन्होंने मान लिया। वही हुआ जैसा मैं चाहता था। मैंने शब्द से बिदा ली... शाश्वत रूप से और सन्नाटे से निपट रहा हूँ। कभी-कभी सोचता हूँ - बधिर होने के लाभ और क्या-क्या हैं? जानिए क्या होता है कहानी में।
मेरा अनुरोध उन्होंने मान लिया। वही हुआ जैसा मैं चाहता था। मैंने शब्द से बिदा ली... शाश्वत रूप से और सन्नाटे से निपट रहा हूँ। कभी-कभी सोचता हूँ - बधिर होने के लाभ और क्या-क्या हैं? जानिए क्या होता है कहानी में।