संस्कारों की धरती जबलपुर से
मैं आप सभी को प्रणाम करती हूं
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
नजरिया यानी कि आपकी नजर में आपने क्या देखा सोचा। नजरिया हमारे व्यक्तित्व का एक अहम हिस्सा है। हमारा नजरिया ही हमारे जीवन यात्रा की दशा और दिशा तय करता है। सहज रूप में देखें तो आप किसी चीज को किस नजर और इरादे से देखते है वही आपके जीवन का नजरिया होता है। यह सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह का होता है। जब आपकी नजर नकारात्मक हो जाती है, तो नजरिया निराशा और दुख का सबब बन जाता है और जब यह सकारात्मक रूप ले लेता है, तो जीवन सहज और सरल दिखने लगता है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आप नकारात्मक नजरिए को सकारात्मक में रूपांतरित कैसे कर सकते हैं।
इसका जवाब है… रूपांतरण आपकी सोचने समझने की क्षमता पर निर्भर करता है। आप जो दुख महसूस करते हुए जो सोच रहे हैं,उसके विपरीत सोचना शुरू कर दीजिए। आपने सुना होगा कि अक्सर कहा जाता है कि ‘नजरिया बदलने से नजारे बदल जाते है।’ तो बस इतना भर ध्यान रखना है कि कोई भी घटना हो ,उसे दुखदायी ना मानकर, उसे स्वीकार कर, उसे एक नई सीख देने वाली बात मानकर और आगे का रास्ता सहज मानकर अग्रसर होना ही सकारात्मक नजरिया का मार्ग है।