संकट को न्योता देकर भी बुलाया जाता है. पाकिस्तान में कुछ ऐसा ही हो रहा है. एक आरोपी को प्रधानमंत्री बनाया गया और अब अदालत के फैसले उसे हिला रहे हैं. चुनाव से ठीक पहले पाकिस्तान में सुधारों की बात हो रही है, एक तरफ मजहबी हैं तो दूसरी तरफ नरमपंथी. सेना फिलहाल दूर है और अदालतें अपना काम कर रही हैं. लोकतंत्र के लिए यह अच्छा माहौल है.