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By Ramesh Pandit
The podcast currently has 9 episodes available.
hanuman chalisa, Shree krishna Stuti, Shree suktam And Other Bhajans
संस्कृति आर्य गुरुकुल पिछले पचास वर्षों से गुरुकुल शिक्षा पर कार्य कर रही सबसे पुरानी संस्था है | और गुरु परंपरा से अध्ययन, शोध, गुरुकुल शिक्षा समाज में मुख्य रूप मे प्रवर्तित कैसे हो, इस पर विभन्न आयामों में शिविरे आयोजित करते है | ५० वर्षों में १८ प्रदेश में विभन्न शिविरों का आयोजन किया गया है |
आचार्य निर्माण शिबीर
वक्ता:- डॉ. मेहुलभाई आचार्य दर्शनचार्य, Ph.D. (आयुर्वेद तथा दर्शनशास्त्र) संस्थापक- संस्कृति आर्य गुरुकुलम्, राजकोट, गुजरात
पूज्य गुरुजी का सपना, सम्पूर्ण भारत मे अचार्य केंद्रित गुरुकुल शिक्षा व्यवस्था की स्थापना को आगे बढ़ाते हुए एक कदम और...
प्रमुख सत्र(विषय)
★ गुरुकुल शिक्षा का महत्व
★गुरुकुल शिक्षा व आधुनिक शिक्षा में भेद
★आधुनिक शिक्षा के साथ वैदिक शिक्षा का समन्वय
★वैदिक शिक्षा को आधुनिक शिक्षा के साथ कार्यान्वित(implement) करने की पद्धति
★अपने स्थान पर वैदिक शिक्षा का साप्ताहिक (Weekly) प्रशिक्षण कैसे शुरू करें (पाठ्यक्रम के साथ)।
★विद्यार्थी मनोविज्ञान के सिद्धांत
★पंचकोश विकास
★बाल गुरुकुलम् का परिचय एवं प्रशाखाविस्तरण
★वैदिक पेरेंटिंग 5 से 15 वर्ष के बच्चोकी परवरिश
★गृह शिक्षा (Home Schooling)
आचार्य जी के शब्द,
" हमारा प्रमुख उद्देश्य आध्यात्मिक एवं पदार्थ विज्ञान के यथार्थ तत्व को प्रस्तुत करके दोनों के समुचित समन्वय के द्वारा सम्पूर्ण विश्व से साम्प्रदायिकता, वर्गभेद, जातिवाद, क्षेत्रवाद, भोगवाद-जन्य कट्टरता, हिंसा, वैर, ईर्ष्या का उन्मूलन करके भौतिक विज्ञान के विकास के साथ-2 सत्य, अहिंसा, सदाचार, प्रेम, करुणा, बन्धुत्व जैसे गुणों से युक्त विश्व शान्ति की स्थापना करना। इस महान् कार्य के लिए प्राचीन वैदिक एवं ऋषि-देव परम्परा पर गम्भीर अनुसंधान करके रामायण व महाभारत कालीन प्राचीन ज्ञान विज्ञान को साकार करके वर्तमान विज्ञान की अनेक अनसुलझी गम्भीर समस्याओं का समाधान करना, इससे संसार को वैदिक ज्ञान विज्ञान के साथ-2 प्राचीन भारतीय (आर्यावर्त-देशीय) संस्कृति, सभ्यता व विकास बोध होगा। इस उद्देश्य के लिए न केवल भारत अपितु विश्व के शीर्ष वैज्ञानिकों से भी सतत सम्पर्क करके उन्हें महान् वैदिक विज्ञान के द्वारा मूलभूत भौतिकी के विकास में सहयोग करने का प्रयास करना। इससे संसार के वैज्ञानिकों को इस बात का बोध होगा कि वेद व ऋषियों का ज्ञान विज्ञान किसी सम्प्रदाय से सम्बंधित नहीं अपितु महान् ज्ञान विज्ञान का मूल पे्ररणा व उत्पत्ति स्रोत है, तब संसार का प्रबुद्ध वर्ग अपने पूर्वाग्रहों से मुक्त होकर वर्तमान विज्ञान की भांति उसे अपनायेंगे तथा इसके लिए वे प्राचीन भारत के ऋण को भी अनुभव करेंगे, साथ ही ऋषि मुनियों को अपना ही पूर्वज व आदर्श मानकर विश्व मानवता की एकता में भरपूर सहयोग करेंगे। इससे उन सबका वैदिक आध्यात्मिक विज्ञान (योग साधना), राजधर्म, समाजशास्त्र, आयुर्वेद, कृषि, पर्यावरण तथा संस्कृत भाषा के प्रति भी आकर्षण होगा। इससे विश्व मिथ्या मतमतान्तरों का वैमनस्य समाप्त होकर एक ईश्वरीय वैदिक धर्म अपनाने में यह समर्थ होगा।"
राजीव दिक्सित एक ऐसे व्यक्तित्व का नाम है जो भारतवर्ष के प्रत्येक युवा और जागरूक राष्ट्रभक्तों का आदर्श स्तम्भ है | ये भारतमाता के सच्चे सपूत थें | इन्होने आजादी बचाओ आन्दोलन और भारत स्वाभिमान जैसे बड़े आन्दोलनों का नेतृत्व किया | इनके ओजस्वी भाषण लोगो के सोयी हृदय में राष्ट्रभक्ति की भावना को जगाकर एक सच्चे राष्ट्रभक्त पैदा करती थी |
इन्होने तथ्यों और सबूतों के अधार पर भारत के सही इतिहास को सबके सामने प्रस्तुत किया, अंतराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा हो रही भारत की लूट का पर्दाफास किया |
ये स्वदेशी के प्रचारक थे, इनका मानना था कि स्वदेशी से ही देश का विकास संभव है |
Hello guys,
here you can listen bhajans of related to Bhavan Shiv.
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