सम्पूर्ण खुशी चाहिए तो सम्पूर्ण स्वास्थ्य होना होगा, उसके लिए अधयात्मिक स्वास्थ्य जरुरी है, अधयात्मिक स्वास्थ्य के लिए सत्संग, साधना, सेवा सदाचारी जीवन जरूरी है|साधना के लिए हरि नाम, एकादशी व्रत, भोग और आरती करनी है|कैसे अंदर की गंदगी को दूर करके, खुद को बदल कर समाज को बदलना है यह निखिल जी हमें समझा रहे हैं, चलिए सुनते हैं|