Do the Sundarkand Path along with Shri Shiv Dayal Ji and Anil Shrivastava.
कथा प्रारम्भ होत है, सुनहु वीर हनुमान ।
राम लक्षमण जानकी, करहुँ सदा कल्याण ॥
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि ।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि ॥
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरो पवन कुमार ।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार ॥
श्री गणेशाय नमः
श्रीजानकीवल्लभो विजयते