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तू लिखे या ना लिखे, मसरूफ़ होना चाहिए।
अनकहे से वाक्य को, मशहूर होना चाहिए।
बेज़ुबानी बात के हर, मेज़बानी अक्षरों को
काले गहरे पन्नों पर, महफूज़ होना चाहिए।।
***
तू लिखे या ना लिखे, मसरूफ़ होना चाहिए।
अनकहे से वाक्य को, मशहूर होना चाहिए।
बेज़ुबानी बात के हर, मेज़बानी अक्षरों को
काले गहरे पन्नों पर, महफूज़ होना चाहिए।।
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