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**अर्टिकेरिया(Urticaria) का इलाज – कारण, लक्षण और उपचार**
*परिचय*
अर्टिकेरिया जिसे आमतौर पर *हाइव्स* कहा जाता है, यह त्वचा के संबंधी समस्या है. जिस में शरीर पर लाल रंग के दाने, या सूजन और खुजली होती है।
- इस तरह के स्थिति कुछ मिनटों से लेकर कई दिनों तक रह सकती है। कई बार अपने आप ही ठीक हो जाती है, पर कुछ मामलों में बार-बार वापस से आती है, जिसे *क्रोनिक अर्टिकेरिया* भी कहा जाता है।
- इस तरह के समस्या एलर्जिक प्रतिक्रिया, और तनाव, या तो, दवाओं के कारण भी हो सकता है।
१) अर्टिकेरिया के मुख्य कारण क्या होता है?
अर्टिकेरिया के मुख्य कारण निचे बताये अनुसार हो सकता है. ,जैसे की, - अर्टिकेरिया *एलर्जिक* के कारण से भी होती है, जिस में शरीर की रोग-प्रतिरोधक प्रणाली हिस्टामिन नामक रसायन को छोड़ती है। इस से त्वचा के छोटी रक्त वाहिकाएँ फैल जाती हैं और सूजन के साथ खुजली आना शुरू हो जाती है। इसके प्रमुख कारण हैं –
**खाद्य पदार्थों से एलर्जी ** ::– अंडा, नट्स, दूध, सोया, स्ट्रॉबेरी, और चॉकलेट आदि। **दवाइयों का प्रभाव** ::पेनकिलर, एंटीबायोटिक्स या दर्द निवारक जैसे दवाएँ।
**संक्रमण** :: वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण से भी ।
**कीट के काटने से** :: मच्छर, या अन्य कीटों के डंक से भी स्किन में प्रतिक्रिया होती है।
**तापमान में परिवर्तन** :: ठंडी या गर्म हवा के संपर्क में आने से भी कुछ लोगों में अर्टिकेरिया हो जाता है।
**मानसिक तनाव** :: ज्यादा चिंता या मानसिक दबाव से भी ट्रिगर बन सकता है।
२)अर्टिकेरिया के लक्षण किस तरह के हो सकते है?
अर्टिकेरिया के लक्षण निचे अनुसार हो सकते है, जैसे की,
- त्वचा पर लाल रंग के छोटे-छोटे दाने या चकते का होना ।
* खुजली और जलन जैसा एहसास।
* असरकारक वाले भाग पर सूजन का आ जाना।
* दाने एक जगह से गायब होकर दूसरे जगह पर आ जाना।
३) डॉक्टर अर्टिकेरिया का निदान कैसे करते है?
डॉ. आमतौर त्वचा की जांच और मरीज के लक्षण के आधार पर निदान करते हैं। कुछ मामलों में डॉ. नीचे दिए गए कुछ जाँच करने को कहते है – **एलर्जी टेस्ट ** :: किस पदार्थ से एलर्जी हो रही है। उसका पता करने के लिए.
**ब्लड टेस्ट** :: संक्रमण या इम्यून सिस्टम की स्थिति को जानने के लिए.
**थायरॉइड के जांच** :: कभी-कभी थायरॉइड भी असंतुलन का कारण बनता है।
४) अर्टिकेरिया का घरेलू और प्राकृतिक उपचार?
**ठंडी सिकाई ** :: खुजली और सूजन वाले जगह पर बर्फ घिसने से तुरंत ही राहत मिलती है।
**एलोवेरा जेल** :: यह स्किन को ठंडक देता है और सूजन को कम करता है।
**नीम और हल्दी** :: इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी का गुण होता है, जो की, संक्रमण को कम करते हैं।
**तुलसी के चाय** :: इसमें एंटीऑक्सीडेंट होने से सूजन को कम करने में सहायक हैं।
५) अर्टिकेरिया से बचाव के लिए क्या उपाय है?
*जिन खाद्य पदार्थों के खाने से एलर्जीक है, उन से पूरी तरह से दूर रहे।
* कॉटन के कपड़े को पहनें जिस से की त्वचा को सांस लेने की जगह मिले।
* बहुत ही ज्यादा गर्म या तो, ठंडे वातावरण से बचें।
* तनाव से बचें — और डेली कसरत करना अच्छा होता है.
* उचित मात्रा में पानी पिएँ, ताकि शरीर से टॉक्सिन बाहर निकल सकें।
# डॉक्टर से कब संपर्क करें?
यदि अर्टिकेरिया के साथ कुछ इस तरह के लक्षण दिखें तो तुरंत ही डॉक्टर से मिलें।
* साँस लेने में कभी -कभी परेशानी का होना।
* गले में सूजन का आ जाना।
* तेज बुखार रहना।
* लगातार अर्टिकेरिया का होना
By Brahm Homeopathy | Dr Pradeep kushwaha**अर्टिकेरिया(Urticaria) का इलाज – कारण, लक्षण और उपचार**
*परिचय*
अर्टिकेरिया जिसे आमतौर पर *हाइव्स* कहा जाता है, यह त्वचा के संबंधी समस्या है. जिस में शरीर पर लाल रंग के दाने, या सूजन और खुजली होती है।
- इस तरह के स्थिति कुछ मिनटों से लेकर कई दिनों तक रह सकती है। कई बार अपने आप ही ठीक हो जाती है, पर कुछ मामलों में बार-बार वापस से आती है, जिसे *क्रोनिक अर्टिकेरिया* भी कहा जाता है।
- इस तरह के समस्या एलर्जिक प्रतिक्रिया, और तनाव, या तो, दवाओं के कारण भी हो सकता है।
१) अर्टिकेरिया के मुख्य कारण क्या होता है?
अर्टिकेरिया के मुख्य कारण निचे बताये अनुसार हो सकता है. ,जैसे की, - अर्टिकेरिया *एलर्जिक* के कारण से भी होती है, जिस में शरीर की रोग-प्रतिरोधक प्रणाली हिस्टामिन नामक रसायन को छोड़ती है। इस से त्वचा के छोटी रक्त वाहिकाएँ फैल जाती हैं और सूजन के साथ खुजली आना शुरू हो जाती है। इसके प्रमुख कारण हैं –
**खाद्य पदार्थों से एलर्जी ** ::– अंडा, नट्स, दूध, सोया, स्ट्रॉबेरी, और चॉकलेट आदि। **दवाइयों का प्रभाव** ::पेनकिलर, एंटीबायोटिक्स या दर्द निवारक जैसे दवाएँ।
**संक्रमण** :: वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण से भी ।
**कीट के काटने से** :: मच्छर, या अन्य कीटों के डंक से भी स्किन में प्रतिक्रिया होती है।
**तापमान में परिवर्तन** :: ठंडी या गर्म हवा के संपर्क में आने से भी कुछ लोगों में अर्टिकेरिया हो जाता है।
**मानसिक तनाव** :: ज्यादा चिंता या मानसिक दबाव से भी ट्रिगर बन सकता है।
२)अर्टिकेरिया के लक्षण किस तरह के हो सकते है?
अर्टिकेरिया के लक्षण निचे अनुसार हो सकते है, जैसे की,
- त्वचा पर लाल रंग के छोटे-छोटे दाने या चकते का होना ।
* खुजली और जलन जैसा एहसास।
* असरकारक वाले भाग पर सूजन का आ जाना।
* दाने एक जगह से गायब होकर दूसरे जगह पर आ जाना।
३) डॉक्टर अर्टिकेरिया का निदान कैसे करते है?
डॉ. आमतौर त्वचा की जांच और मरीज के लक्षण के आधार पर निदान करते हैं। कुछ मामलों में डॉ. नीचे दिए गए कुछ जाँच करने को कहते है – **एलर्जी टेस्ट ** :: किस पदार्थ से एलर्जी हो रही है। उसका पता करने के लिए.
**ब्लड टेस्ट** :: संक्रमण या इम्यून सिस्टम की स्थिति को जानने के लिए.
**थायरॉइड के जांच** :: कभी-कभी थायरॉइड भी असंतुलन का कारण बनता है।
४) अर्टिकेरिया का घरेलू और प्राकृतिक उपचार?
**ठंडी सिकाई ** :: खुजली और सूजन वाले जगह पर बर्फ घिसने से तुरंत ही राहत मिलती है।
**एलोवेरा जेल** :: यह स्किन को ठंडक देता है और सूजन को कम करता है।
**नीम और हल्दी** :: इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी का गुण होता है, जो की, संक्रमण को कम करते हैं।
**तुलसी के चाय** :: इसमें एंटीऑक्सीडेंट होने से सूजन को कम करने में सहायक हैं।
५) अर्टिकेरिया से बचाव के लिए क्या उपाय है?
*जिन खाद्य पदार्थों के खाने से एलर्जीक है, उन से पूरी तरह से दूर रहे।
* कॉटन के कपड़े को पहनें जिस से की त्वचा को सांस लेने की जगह मिले।
* बहुत ही ज्यादा गर्म या तो, ठंडे वातावरण से बचें।
* तनाव से बचें — और डेली कसरत करना अच्छा होता है.
* उचित मात्रा में पानी पिएँ, ताकि शरीर से टॉक्सिन बाहर निकल सकें।
# डॉक्टर से कब संपर्क करें?
यदि अर्टिकेरिया के साथ कुछ इस तरह के लक्षण दिखें तो तुरंत ही डॉक्टर से मिलें।
* साँस लेने में कभी -कभी परेशानी का होना।
* गले में सूजन का आ जाना।
* तेज बुखार रहना।
* लगातार अर्टिकेरिया का होना