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ना अता ना पता ना खबर बड़ी मुद्दत हुई
ना हुई कोई मुलाक़ात ना ही मुहब्बत हुई बड़ी बड़ी बातेँ वादे इरादे शायद भूल गया है वो ऐसी कैसी मुहब्बत में उसकी शिद्दत हुई माना के वो थोड़ा मगरूर था हुस्न ए जवानी पे अपनी...... पर बंदिश ए दुनिया में रहेगा इतना बेदम नहीं था वो हुस्न ए यारा मेरा किसी कातिलाना शबाब से कम नहीं था..... नशा इस कदर शामिल था उसकी अदाओं में कमबख्त किसी भी शराब से कम नहीं था जो लगा दे आग पानी में ...ऐसे किसी आफताब से भी कम नहीं था.... वो हुस्न ए यारा मेरा वो हुस्न ए यारा मेरा ....ना अता ना पता ना खबर बड़ी मुद्दत हुई
ना हुई कोई मुलाक़ात ना ही मुहब्बत हुई बड़ी बड़ी बातेँ वादे इरादे शायद भूल गया है वो ऐसी कैसी मुहब्बत में उसकी शिद्दत हुई माना के वो थोड़ा मगरूर था हुस्न ए जवानी पे अपनी...... पर बंदिश ए दुनिया में रहेगा इतना बेदम नहीं था वो हुस्न ए यारा मेरा किसी कातिलाना शबाब से कम नहीं था..... नशा इस कदर शामिल था उसकी अदाओं में कमबख्त किसी भी शराब से कम नहीं था जो लगा दे आग पानी में ...ऐसे किसी आफताब से भी कम नहीं था.... वो हुस्न ए यारा मेरा वो हुस्न ए यारा मेरा ....