हम सब दुनिया में जीने से पहले, खुद के भीतर जीते हैं। हम अपने मन के अनसुलझे मुद्दों के इर्द-गिर्द जीते हैं। इन अनसुलझे मुद्दों को समझना और उन्हें डील करना हमारी जरूरत है। इन पर consistently काम करना होगा ।और like minded लोगों का एक साथ कुछ भी सीखना या सिखाना किसी चमत्कार से कम नहीं होता। यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि जो बातें आप सीख रहे हैं, वे कितनी useful हैं, practical हैं और आप इन सीखी गई बातों को कितना काम में ले पाते हैं।