आँसुओं को बहने दो

आँसुओं को बहने दो

By Dinesh Roy Bankipore

मैं क़िस्मत के पलकों पर अटके
अश्कों के फूल का एक कतरा हूँ
वक़्त की जमीं पर टूटकर बिखरा हूँ
अब, किस्सा कोई भी गढ़ लो
खुली किताब हूँ पढ़ लो।... more


Download on the App Store

आँसुओं को बहने दो episodes:

FAQs about आँसुओं को बहने दो:

How many episodes does आँसुओं को बहने दो have?

The podcast currently has 63 episodes available.