साल 1940 के आसपास उत्तर पश्चिमी अमेरिका में स्थित अलास्का के डेनाली नेशनल पार्क में कंस्ट्रक्शन कंपनी की बस फेयरबैंक्स 142 , वहां सड़क बनाने के दौरान पहुंची जिसमें काम करने वाले मज़दूर रहा करते थे . काम पूरा हुआ, मज़दूर उसे वहीं छोड़ कर चले गए. इस पर दुनिया भर की निगाह पड़ी जब जॉन क्रकौर की किताब आयी इन टू द वाइल्ड. किताब में एक लड़के के बस में रहने और कुछ महीने जीवन बिताने की असली कहानी लिखी गई.अब साठ साल बाद इसे हटा लिया गया है ताकि लोग इस बस में ज़िन्दगी का कुछ हिस्सा गुज़ारने का ख़्वाब लिए वहां ना जाएं और उनका जीवन सुरक्षित रहे. माधुरी से सुनते हैं क्यों है लोगों को इस बस से इतना लगाव.