रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया यानि RBI ने, अगस्त के पहले सप्ताह में, क़र्ज़ के पुनर्गठन पर सुझाव के लिए, एक समिति बनाई थी. इसकी अध्यक्षता, केवी कामत कर रहे थे. अब कामत कमिटी ने अपनी सिफ़ारिशें दे दी है. जिसे आरबीआई ने मोटे-मोटे तौर पर मान लिया है. क्या है कामत कमिटी की सिफारिशें और इनका बैंकों पर क्या असर होगा? आम लोगों के क़र्ज़ का क्या होगा, जो किसी ने बाइक, कार या फिर घर के लिए ले रखा है और अभी वो उसकी क़िस्त चुका पाने की स्थिति में नहीं हैं? इस पॉडकास्ट में रितुराज ने बैंक, उसकी हालत, बैंकों के क़र्ज़ और कामत कमिटी के सिफारिशों पर बात की है आर्थिक मामलों के जानकार और इंडिया टुडे हिंदी पत्रिका के एडिटर अंशुमान तिवारी से.