पिछले एपिसोड्स में हमने बाइबिल में परमेश्वर और पवित्र आत्मा के बारे में सीखा। अब बाइबल बार्ड का ध्यान यीशु पर केंद्रित है। यीशु के बारे में पहली बात जो बाइबल सिखाती है, वह ये कि इंसान के रूप में यीशु, पिता परमेश्वर के अधीन थे। यानी पृथ्वी पर रहते हुए यीशु पूरी तरह परमेश्वर के अधिकार में, उसके निर्देशों के अनुसार जीवन जीते थे। यही कारण है कि यीशु को परमेश्वर का ‘एकलौता उत्पन्न पुत्र’ कहा जाता है। यूहन्ना की किताब में लिखा है कि यीशु जो कुछ बोलते थे, वह परमेश्वर से सुनकर बोलते थे; जो काम करते थे, वह परमेश्वर की इच्छा से करते थे। वह परमेश्वर से एक अद्वितीय संबंध रखते थे, लेकिन अपने ईश्वरत्व का कभी निजी फायदा नहीं उठाते।
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