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By Cricket Controversies by Asiaville
The podcast currently has 12 episodes available.
24 मार्च, 2018...क्रिकेट इतिहास के सबसे काले दिनों में से एक है. इस दिन हुआ स्कैंडल जितना बड़ा है, उसके पीछे का घटनाक्रम उतना ही रोमांचकारी है. इसी दिन डेविड वॉर्नर, स्टीव स्मिथ और कैमरून बैनक्राफ्ट ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ बॉल टेंपरिंग कर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया पर ना धुलने वाला दाग लगाया था.
15 मई 2013 को इंडियन प्रीमियर लीग का काला सच लोगों के सामने आया था और लोगों को यकीन नहीं हो रहा था चकाचौंध के पीछे सट्टेबाजी का काला धंधा चल रहा था. दरअसल उस रात आईपीएल के सीज़न 6 में स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी होने की बात सामने आई थी.
आईपीएल की बात होते ही श्रीसंत को हरभजन सिंह का पड़ा थप्पड़ 12 साल बाद भी लोगों को याद आ जाता है. 2008 में हरभजन सिंह और एस श्रीसंत के थप्पड़कांड ने खेल जगत को हिला के रख दिया था. आज भी मैदान पर घटी वो घटना सभी की यादों में जिंदा है.
क्रिकेट जगत में ऑस्ट्रेलियाई टीम हमेशा से ही अपने आक्रामक खेल के लिए जानी जाती है. साथ ही मैदान पर विरोधी टीम पर दबाव बनाने के लिए ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी लगातार स्लेजिंग यानि कमेंट्स करते रहते हैं. लेकिन इस बार मामला कुछ अलग था....स्लेजिंग के लिए पॉपुलर ऑस्ट्रेलिया ने ये आरोप विरोधी टीम पर लगाया था और वो थी भारतीय टीम.
क्रिकेट और विवाद, दोनों का गहरा नाता है. अगर कहा जाए दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं तो गलत नहीं होगा. क्रिकेट के मैदान पर अक्सर कई बड़े विवाद देखे गए हैं. मैदान पर खिलाड़ी आपस में लड़ते दिखे हैं, खूब बयानबाजी, स्लेजिंग होती है...लेकिन ऐसे विवाद बहुत कम हुए हैं जब अंपायर के फैसले ने कप्तान को इतना नाराज कर दिया कि वो अपनी पूरी टीम के साथ मैदान की बाउंड्री लाइन पर चला जाए और मैच रद्द करने की नौबत आ गई.
भारतीय क्रिकेट में जितने सुनहरे पल हुए हैं, उनके बीच एक कभी न याद रखने वाला वाकया भी हु्आ है. यह मामला ऐसा था, जिसने पूरे क्रिकेट जगत में वेस्टइंडीज के तेज़ गेंदबाजों का खौफ़ भर दिया...इसने टीम इंडिया के ऊपर तेज़ गेंदबाजों से घबराने का वो ठप्पा लगा दिया, जिसे मिटाने में कई दशक लग गए.
क्रिकेट में बॉल से छेड़छाड़ का पहला आरोप 70 के दशक में इंग्लैंड के तेज़ गेंदबाज जॉन लीवर पर लगा था. वहीं बॉल टेम्परिंग के मामले में सबसे पहले 2000 में पाकिस्तान के तेज़ गेंदबाज वकार यूनुस को सस्पेंड किया गया था. लेकिन आज हम बॉल टेम्परिंग के उस मामले की बात करेंगे जब मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को बॉल से छेड़छाड़ का दोषी पाया गया था. इससे भारत में नाराज़गी इस कदर फैल गई थी कि यह मामला भारत की संसद में भी उठा.
मैच फिक्सिंग क्रिकेट की दुनिया में एक ऐसा ट्रैप है जिसमें फंसकर कई बड़े Cricketers का करियर बर्बाद हो गया है. उसी में एक नाम है मोहम्मद अज़हरुद्दीन (Mohammad Azharuddin) का. अज़हरुद्दीन, भारतीय क्रिकेट टीम के Former Captain. वो आदमी जिसने आते ही टेस्ट क्रिकेट में झंडे गाड़ दिए थे. उन्होंने पहले तीन टेस्ट मैचों में एक के बाद एक शतक ठोक दिए. सनसनी मच गई थी. बात 1985 की है. पांच साल बाद 1990 में उन्हें भारतीय टीम की कप्तानी सौंप दी गई. तीन वर्ल्ड कप में भारत का नेतृत्व करने वाले और एक दौर में टीम को 90 जीत दिलाने वाले, वह सबसे सफल भारतीय वनडे कप्तान कहलाते थे. लेकिन ये सब तबतक था जब तक उनका नाम मैच-फिक्सिंग मामलों में नहीं आया था.
क्रिकेट के इतिहास में यूं तो कई विवाद होते हैं लेकिन कुछ विवाद ऐसे हैं जो क्रिकेट इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए कैद हो जाते हैं. ऐसा ही एक विवाद अंपायरिंग के साथ जुड़ा है जिसे एक बदनुमा कहानी के तौर पर याद किया जाता है.ऐसी ही एक घटना 1987 में हुई थी, पाकिस्तान के फैसलाबाद में. जब एक खिलाड़ी और अंपायर में बीच मैदान पंगा हो गया और बवाल मैदान से बाहर चला गया.
खेल में हर कोई जीतना चाहता है. कोई भी जीतने के इरादे से ही उतरता है और जीतने के लिए सबकुछ कर गुजरने को तैयार होता है. ऐसा ही क्रिकेट में भी देखने को मिलता है. जहां से क्रिकेट के इतिहास में हमें सबसे विवादित सीरीज 'बॉडीलाइन' देखने को मिली. एक ऐसी सीरीज जिसमें इंग्लिश टीम की किसी भी हालात में सीरीज जीतने की ललक ने 'बॉडीलाइन सीरीज' को जन्म दिया और ये सीरीज क्रिकेट इतिहास में सबसे विवादित सीरीज में शामिल हो गई.
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