1) विल्सन रोग क्या है?
कॉपर एक आवश्यक खनिज है जो हमारे शरीर में कई जैविक प्रक्रियाओं के लिए जरूरी होता है। आमतौर पर शरीर इस तांबे का उपयोग करके अतिरिक्त मात्रा को मूत्र के माध्यम से बाहर निकाल देता है।
लेकिन विल्सन रोग में ATP7B नामक एक जीन में विकृति (mutation) के कारण शरीर कॉपर को सही तरीके से बाहर नहीं निकाल पाता। परिणामस्वरूप यह लीवर और अन्य अंगों में इकट्ठा होने लगता है और धीरे-धीरे अंगों की कार्यप्रणाली को बिगाड़ देता है।
2) यह रोग कैसे होता है?
विल्सन रोग एक ऑटोसोमल रिसेसिव आनुवंशिक रोग है। इसका मतलब है कि यदि किसी व्यक्ति को यह बीमारी होती है तो उसे माता और पिता दोनों से दोषपूर्ण जीन प्राप्त हुआ होता है। यदि केवल एक माता-पिता से दोषपूर्ण जीन प्राप्त होता है, तो व्यक्ति रोगवाहक (carrier) बनता है, लेकिन उसे खुद बीमारी नहीं होती।
3) विल्सन रोग के लक्षण?
विल्सन रोग के लक्षण व्यक्ति की उम्र और अंगों के प्रभावित होने पर निर्भर करते हैं। इसके लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और शुरुआत में पहचानना मुश्किल हो सकता है।
* 1. यकृत (लीवर) से जुड़े लक्षण:
-थकान और कमजोरी
-पेट में सूजन या दर्द पीलिया (त्वचा और आंखों का पीला होना)
-लिवर सिरोसिस या लीवर फेलियर
* 2. न्यूरोलॉजिकल और मानसिक लक्षण:
-कंपकंपी या हाथों का थरथराना
-चलने में असंतुलन
-बोलने या निगलने में कठिनाई
-व्यवहार में बदलाव
-अवसाद, चिड़चिड़ापन, या मनोविकृति
* 3. आंखों में परिवर्तन:-
Kayser-Fleischer rings : आंखों की कॉर्निया में तांबे के जमाव से बनी हरी-भूरी रिंग
3) निदान (Diagnosis)
विल्सन रोग का निदान कुछ विशेष जांचों द्वारा किया जाता है:
-ब्लड टेस्ट: सीरुलोप्लाज्मिन (ceruloplasmin) नामक प्रोटीन का स्तर
-यूरीन टेस्ट: 24 घंटे में मूत्र में कॉपर की मात्रा
-लीवर बायोप्सी: लीवर में कॉपर की पुष्टि
-आई एग्जामिनेशन: Kayser-Fleischer रिंग्स की जांच-
- जेनेटिक टेस्ट: ATP7B जीन म्यूटेशन की पुष्टि
4) उपचार (Treatment)
विल्सन रोग का इलाज जीवनभर चलता है, लेकिन समय पर शुरू हो जाए तो व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है।
* प्रमुख उपचार:
-कॉपर-चेलेटिंग एजेंट्स: जो शरीर से अतिरिक्त कॉपर बाहर निकालते हैं
-जिंक सप्लीमेंट्स: तांबे के अवशोषण को रोकते हैं
-लो कॉपर डाइट: जैसे नट्स, चॉकलेट, समुद्री भोजन से परहेज -लिवर ट्रांसप्लांट: गंभीर लिवर डैमेज की स्थिति में
5) रोकथाम और जागरूकता
चूंकि यह एक आनुवंशिक बीमारी है, इसलिए इसका कोई निश्चित रोकथाम नहीं है। लेकिन यदि किसी परिवार में यह बीमारी है, तो अन्य सदस्यों का जेनेटिक टेस्ट करवाना जरूरी है ताकि समय रहते इलाज शुरू किया जा सके।
निष्कर्ष
विल्सन रोग एक लाइलाज नहीं, बल्कि एक नियंत्रित करने योग्य बीमारी है। समय पर सही पहचान और नियमित इलाज से रोगी लंबे समय तक स्वस्थ जीवन जी सकता है। यदि परिवार में कोई लक्षण दिखाई दे या पुराना लिवर या न्यूरोलॉजिकल रोग हो, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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