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इस हफ्ते फिल्म छावा से उठे विवाद के बाद औरंगज़ेब की कब्र हटाने की मांग और नागपुर में भड़की हिंसा, वित्त मंत्रालय द्वारा संसद में बताया गया कि पिछले 10 वर्षों में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा राजनेताओं के खिलाफ 193 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से केवल दो में ही दोषसिद्धि हुई और नाबालिग के साथ बलात्कार के प्रयास के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के विवादित बयान को लेकर भी विस्तृत बातचीत हुई. इसके अलावा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में तत्काल और पूर्णरूप से युद्धविराम करने की मांग को किया ख़ारिज, इजराइली सेना द्वारा ग़ाज़ा पट्टी में हुए हमले में 400 से ज़्यादा मौतें, मणिपुर के चुराचांदपुर ज़िले में दो समुदायों के बीच झड़प, लोकसभा में महाकुंभ में मारे गए लोगों का कोई आंकड़ा केंद्र के पास नहीं, दिल्ली हाई कोर्ट के एक जज यशवंत वर्मा को लेकर हुए विवाद के बाद उनका इलाहाबाद हाई कोर्ट तबादला, चुनाव आयोग ने बूथवार डाटा जारी करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दी अंडरटेकिंग और अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में अटके दो यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर वापस सुरक्षित लौटे आदि ख़बरें भी हफ्तेभर तक सुर्खियों में रही.
इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार अफरीदा रहमान अली और स्मिता शर्मा शामिल हुईं. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से प्रधान संपादक रमन किरपाल और विकास जांगड़ा ने हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के सह संपादक शार्दूल कात्यायन ने किया.मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब पर चल रहे विवाद के बाद भड़की हिंसा को लेकर चर्चा की शुरुआत करते हुए शार्दूल कहते हैं, “1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद भी नागपुर में दंगे नहीं भड़के थे और दशकों से जारी शहर की शांति इन दंगों के साथ भंग हो गई, यह आश्चर्य की बात है कि जो बात मराठा साम्राज्य में नहीं उठी, आज़ादी के बाद नहीं उठी वह आज की सरकार में प्रदर्शन और दंगों का विषय बन गई. यह लड़ाई वास्तव में राजनीतिक वर्चस्व की है.”
इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए अफरीदा कहती हैं, “इसकी शुरुआत यहां से हुई कि बजरंग दल और विहिप प्रदर्शन कर रहे थे कि औरंगज़ेब के मकबरे को हटाया जाए, किसके खिलाफ यह प्रदर्शन कर रहे हैं, कौन हटाए? डबल इंजन की सरकार है, बेझिझक हटाइए, हटा सकते हैं तो जड़ से हटा दीजिए मगर इसे नहीं हटाया जाएगा, इसे पकाया जाएगा.”सुनिए पूरी चर्चा-
टाइमकोड्स
00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना
03:30 - सुर्खियां
12:20 - इलाहाबाद हाई कोर्ट की विवादित टिप्पणी
26:30 - नागपुर में दंगा
59:30 - सब्सक्राइबर्स के पत्र
01:01:28 - सवालों के घेरे में ईडी
01:15:08 - सलाह और सुझाव
ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमा
प्रोड्यूसर: आशीष आनंद , तीसता रॉय चौधरी
एडिटिंग: आशीष आनंद
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इस हफ्ते फिल्म छावा से उठे विवाद के बाद औरंगज़ेब की कब्र हटाने की मांग और नागपुर में भड़की हिंसा, वित्त मंत्रालय द्वारा संसद में बताया गया कि पिछले 10 वर्षों में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा राजनेताओं के खिलाफ 193 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से केवल दो में ही दोषसिद्धि हुई और नाबालिग के साथ बलात्कार के प्रयास के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के विवादित बयान को लेकर भी विस्तृत बातचीत हुई. इसके अलावा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में तत्काल और पूर्णरूप से युद्धविराम करने की मांग को किया ख़ारिज, इजराइली सेना द्वारा ग़ाज़ा पट्टी में हुए हमले में 400 से ज़्यादा मौतें, मणिपुर के चुराचांदपुर ज़िले में दो समुदायों के बीच झड़प, लोकसभा में महाकुंभ में मारे गए लोगों का कोई आंकड़ा केंद्र के पास नहीं, दिल्ली हाई कोर्ट के एक जज यशवंत वर्मा को लेकर हुए विवाद के बाद उनका इलाहाबाद हाई कोर्ट तबादला, चुनाव आयोग ने बूथवार डाटा जारी करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दी अंडरटेकिंग और अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में अटके दो यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर वापस सुरक्षित लौटे आदि ख़बरें भी हफ्तेभर तक सुर्खियों में रही.
इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार अफरीदा रहमान अली और स्मिता शर्मा शामिल हुईं. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से प्रधान संपादक रमन किरपाल और विकास जांगड़ा ने हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के सह संपादक शार्दूल कात्यायन ने किया.मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब पर चल रहे विवाद के बाद भड़की हिंसा को लेकर चर्चा की शुरुआत करते हुए शार्दूल कहते हैं, “1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद भी नागपुर में दंगे नहीं भड़के थे और दशकों से जारी शहर की शांति इन दंगों के साथ भंग हो गई, यह आश्चर्य की बात है कि जो बात मराठा साम्राज्य में नहीं उठी, आज़ादी के बाद नहीं उठी वह आज की सरकार में प्रदर्शन और दंगों का विषय बन गई. यह लड़ाई वास्तव में राजनीतिक वर्चस्व की है.”
इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए अफरीदा कहती हैं, “इसकी शुरुआत यहां से हुई कि बजरंग दल और विहिप प्रदर्शन कर रहे थे कि औरंगज़ेब के मकबरे को हटाया जाए, किसके खिलाफ यह प्रदर्शन कर रहे हैं, कौन हटाए? डबल इंजन की सरकार है, बेझिझक हटाइए, हटा सकते हैं तो जड़ से हटा दीजिए मगर इसे नहीं हटाया जाएगा, इसे पकाया जाएगा.”सुनिए पूरी चर्चा-
टाइमकोड्स
00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना
03:30 - सुर्खियां
12:20 - इलाहाबाद हाई कोर्ट की विवादित टिप्पणी
26:30 - नागपुर में दंगा
59:30 - सब्सक्राइबर्स के पत्र
01:01:28 - सवालों के घेरे में ईडी
01:15:08 - सलाह और सुझाव
ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमा
प्रोड्यूसर: आशीष आनंद , तीसता रॉय चौधरी
एडिटिंग: आशीष आनंद
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