ये बात लेखक सलमान रुश्दी ने अपनी किताब \'सैटेनिक वर्सेज\' में 34 साल पहले यानी 1988 में लिखी थी. इसी किताब की वजह से सलमान रुश्दी पर पैगंबर की बेअदबी के आरोप लगे. 1989 में ईरान की इस्लामिक क्रांति के नेता अयातुल्ला खुमैनी ने रुश्दी के खिलाफ मौत का फतवा जारी कर दिया था. इस फतवे के जारी होने के 33 साल बाद शुक्रवार को अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में सलमान रुश्दी पर जानलेवा हमला हुआ है. न्यूयॉर्क स्टेट पुलिस के मुताबिक सुबह 11 बजे चौटाउक्वा इंस्टीटयूशन में हमलावर तेजी से मंच पर दौड़ा और सलमान रुश्दी पर चाकू से हमला कर दिया. चाकू सलमान रुश्दी के गर्दन पर लगा और वह मंच पर ही गिर पड़े. रुश्दी को एयर एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया