कितने हसीन है तेरे गुलाब के काँटे भी ,
हाथों में चुभते हैं तो तेरी याद दिला देते है,
तूने जितनी मुहब्बत दी मुझे सब मंज़ूर,
मेरी मुहब्बत का मुझे अचछा सिला देते है,
तेरी महक इन फूलों से आज भी महसूस होती है,
जाने इनसे तेरा कैसा राबता होगा,
मेरा तो समझ में आता है मै पागल था,
तेरे साथ कोई दूसरा कैसे वक़्त बिताता होगा😂❤🙃 ………।