यह पाठ "मैककेब-थीले विधि: रासायनिक इंजीनियरिंग और इंजीनियरिंग ज्ञानमीमांसा के प्रतीक के लिए एक शताब्दी श्रद्धांजलि" नामक एक परिप्रेक्ष्य निबंध से उद्धरण प्रस्तुत करता है, जो इस विधि के सौ वर्ष पूरे होने पर एक श्रद्धांजलि है। लेखकों का तर्क है कि मैककेब-थीले विधि रासायनिक इंजीनियरिंग का एक प्रतीक बन गई है क्योंकि यह ग्राफिक दृष्टिकोण पूर्वानुमान और समझ को एक साथ सक्षम करता है, जो इसे इंजीनियरिंग ज्ञानमीमांसा के लिए भी प्रतीकात्मक बनाता है। यह विधि आसवन प्रक्रियाओं के लिए एक ग्राफ़िकल डिज़ाइन विधि है, जिसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, मॉडल मान्यताएँ, और इंजीनियरिंग पर इसके प्रभाव का विश्लेषण किया गया है। अंत में, लेख आसवन डिज़ाइन में मशीन लर्निंग और बड़े भाषा मॉडल (एलएलएम) के भविष्य की भूमिका पर विचार करता है, लेकिन इस बात पर ज़ोर देता है कि मैककेब-थीले विधि अपनी शैक्षणिक उपयोगिता और अंतर्दृष्टि के कारण प्रासंगिक बनी रहेगी।