"स्वामि कार्तिक और गणेश की बाल-लीला, दोनों का परस्पर विवाह के विषय में विवाद, शिवजी द्वारा पृथ्वी परिक्रमा का आदेश, कार्तिकेय का प्रस्थान, गणेश का माता-पिता की परिक्रमा करके उनसे पृथ्वी- परिक्रमा स्वीकृत कराना, विश्वरूप की सिद्धि और बुद्धि नामक दोनों कन्याओं के साथ गणेश का विवाह और उनसे क्षेम तथा लाभ नामक दो पुत्रों की उत्पत्ति, कुमार का पृथ्वी-परिक्रमा करके लौटना और क्षुब्ध होकर क्रौंचपर्वत पर चला जाना, कुमारखण्ड के श्रवण की महिमा"