ख़ुश रहा कर और अपना ख़्याल रखा कर।
रंग दे जो सबको प्रेम का ऐसा गुलाल रखा कर।।
चेहरे पे बस रौनक, न कोई मलाल रखा कर।
सुलझ जाए आसानी से ऐसे सवाल रखा कर।।
दिल ओ दिमाग में सुकुन, न कोई बवाल रखा कर।
फ़िक्र ज़माने की छोड़ ज़हन में खुद का हाल-चाल रखा कर।।
दौर कैसा भी हो गुज़र जाएगा,
चेहरे पे मुस्कान हर हाल रखा कर।
गिरते हैं शहसवार ही,
तू उठने का हौसला कमाल रखा कर।।
ख़ुश रहा कर और अपना ख़्याल रखा कर।
रंग दे जो सबको प्रेम का ऐसा गुलाल रखा कर।।
✍️ संजय कुमार ©️