शिव पुराण - द्वितीय संहिता - रूद्र संहिता - तृतीय खंड : पार्वती खंडअध्याय ९-१० : मेना और हिमालय की बातचीत, पार्वती तथा हिमवानके स्वप्न तथा भगवान शिव से "मंगल" गृह की उत्पत्ति का प्रसंग
Chapters 9-10: Mena and Himalaya's conversation, Parvati and Himavan's dreams and the origin of the planet "Mangal" from Lord Shiva
अध्याय ११ : भगवान् शिव का गंगावतरण तीर्थ में तपस्या के लिए आना, हिमवान द्वारा उनका स्वागत, पूजन और स्तवन तथा भगवान् शिव की आज्ञा के अनुसार उनका उस स्थान पर दूसरों को ना जाने देनेकी व्यवस्था करना
Chapter 11: Lord Shiva's coming to Gangavataran Tirtha for penance, Himavan welcomes him, worships and eulogises him and according to Lord Shiva's order, he arranges not to allow others to go to that place
अध्याय १२ : हिमवान का पार्वती को शिव की सेवा में रखने के लिए उनसे आज्ञा माँगना और शिव का कारण बताते हुए इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर देना
Chapter 12: Himavan seeking permission to keep Parvati in the service of Shiva and Shiva refusing the offer citing the reason
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