101 परम रस पीके पिलायो श्री गुरूजी । अलखरस,अलखरस,अलखरस!! जाग्यो,जाम्यो,पाम्यो,श्री गुरूजी।पङ्गुको चढावी शके ऐक गिरीधर, गिरीवर।मूक होई वाचाळ ,परमानंद प्रकाश।(2)-प्रताप।श्री गुरूकृपा ईक सार,श्री श्री गुरूकृपा ईक सार ।परम पद पाम्यो,पाम्यो,पाम्यो श्री गुरूजी।परमपथ चरण श्री पायो श्री श्री गुरूजी।