भगवान विष्णु के चौबीस अवतार इस प्रकार हैं: सनकादि ऋषि (चार कुमार), वराह, नारद मुनि, नर-नारायण, कपिल मुनि, दत्तात्रेय, यज्ञ, ऋषभदेव, पृथु, मत्स्य, कूर्म, धन्वंतरि, मोहिनी, नृसिंह, हयग्रीव, वामन, परशुराम, राम, वेदव्यास, कृष्ण, बुद्ध, और कल्कि. इन अवतारों का वर्णन धार्मिक ग्रंथों में मिलता है, जहाँ बताया गया है कि भगवान विष्णु पृथ्वी पर संकट निवारण और धर्म की स्थापना के लिए विभिन्न रूपों में अवतरित होते हैं.
प्रमुख 24 अवतारों की सूची:
- सनकादि मुनि:
ब्रह्मा के चार मानस पुत्र, जो ज्ञान प्रदान करते हैं.
- वराह:
पृथ्वी को रसातल से बचाने के लिए लिया गया सूअर का अवतार.
- नारद मुनि:
ज्ञान और धर्म का प्रचार करने वाले नारद मुनि.
- नर-नारायण:
धर्म की रक्षा और संतुलन के लिए नर और नारायण के रूप में.
- कपिल मुनि:
एक महान ऋषि जिन्होंने सांख्य दर्शन का उपदेश दिया.
- दत्तात्रेय:
ब्रह्मा, विष्णु और महेश का संयुक्त रूप, जो गुरु के रूप में प्रकट हुए.
- यज्ञ:
धर्म और यज्ञ की रक्षा के लिए लिया गया अवतार.
- ऋषभदेव:
कलि युग में धर्म के प्रचार के लिए अवतार.
- पृथु:
एक आदर्श राजा जिन्होंने पृथ्वी को सुजला-सुफला बनाया.
- मत्स्य:
प्रलय के समय मनु को बचाने वाले मछली अवतार.
- कूर्म:
सागर मंथन के समय मेरु पर्वत को सहारा देने वाले कछुए का अवतार.
- धन्वंतरि:
आयुर्वेद के जनक और देवताओं के चिकित्सक.
- मोहिनी:
देवताओं के अमृत वितरण में मदद करने वाली सुंदर स्त्री अवतार.
- नृसिंह:
हिरण्यकशिपु का वध करने वाले शेर के मुख और मनुष्य के शरीर वाले अवतार.
- हयग्रीव:
देवताओं के लिए वेद ज्ञान को पुनर्प्राप्त करने वाले घोड़े के गले वाले अवतार.
- वामन:
राजा बलि से तीन पग भूमि मांगने वाले बौने ब्राह्मण के रूप में.
- परशुराम:
अधर्मियों का विनाश करने वाले योद्धा राम के अवतार.
- राम:
दशरथ के पुत्र, मर्यादा पुरुषोत्तम.
- वेदव्यास:
वेदों का संकलन करने वाले महर्षि.
- कृष्ण:
गीता का उपदेश देने वाले भगवा के पूर्णावतार.
- बुद्ध:
कलयुग में धर्म की स्थापना के लिए लिया गया अवतार.
- कल्कि:
कलियुग के अंत में बुराई का विनाश करके सतयुग लाने वाले अवतार.
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