Dharamvir Bharati was considerd was a colossus of Hindi Sahitya. In a story like Gulki he shows us why. All the characters straddle somewhere between good and bad, honest and dishonest, caring and mean. They live in the same greys that we real humans live in, outside the books.
धर्मवीर भारती आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रमुख लेखक, कवि, नाटककार,
सामाजिक विचारक एवं प्रख्यात साप्ताहिक पत्रिका धर्मयुग के प्रधान संपादक
थे। जीवन परिचयधर्मवीर भारती का जन्म 25 दिसंबर 1926 को इलाहाबाद के अतर
सुइया मुहल्ले में एक कायस्थ परिवार में हुआ था। स्कूली शिक्षा डी. ए वी
हाई स्कूल में हुई और उच्च शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय में। प्रथम
श्रेणी में एम ए करने के बाद डॉ॰ धीरेन्द्र वर्मा के निर्देशन में सिद्ध
साहित्य पर शोध-प्रबंध लिखकर उन्होंने पी-एच०डी० प्राप्त की।
प्रमुख कृतियां
कहानी संग्रह : मुर्दों का गाँव 1946, स्वर्ग और पृथ्वी 1949 , चाँद और
टूटे हुए लोग 1955, बंद गली का आखिरी मकान 1969, साँस की कलम से, समस्त
कहानियाँ एक साथ
काव्य रचनाएं : ठंडा लोहा(1952), सात गीत वर्ष(1959), कनुप्रिया(1959)
सपना अभी भी(1993), आद्यन्त(1999),देशांतर(1960) उपन्यास: गुनाहों का
देवता 1949[2], सूरज का सातवां घोड़ा 1952, ग्यारह सपनों का देश, प्रारंभ व
समापन।
निबंध संग्रह : ठेले पर हिमालय (1958ई०),पश्यन्ती (1969ई०),कहनी-अनकहनी
(1970 ई०),कुछ चेहरे कुछ चिन्तन (1995ई०),शब्दिता (1977ई०),मानव मूल्य और
साहित्य (1960ई०)।
एकांकी व नाटक : नदी प्यासी थी, नीली झील, आवाज़ का नीलाम आदि पद्य
नाटक : अंधा युग 1954 आलोचना : प्रगतिवाद : एक समीक्षा, मानव मूल्य और
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