तकनीक रोज़ बदल रही है, इतनी ज़्यादा कि कई बार लगता है हम जादू काल में रह रहे हों. उड़नेवाली कारों के बारे में कुछ साल पहले तक सपने देखे जा रहे थे, अब ये हकीकत होने जा रहा है. इसी तरह स्मार्टफोन्स के बदलते रूप रोज़ हैरान कर रहे हैं. पहले ये छोटा होता गया और अब तरह तरह के फंक्शंस से लदा हुआ आ रहा है. असल में आप जो कुछ कल्पना कर सकते हैं तकनीक उसे सच बना सकती है. आपने मूवीज़ में देखा होगा कैसे लोगों को फोन की ज़रूरत नहीं होती, बल्कि पलक झपकते ही हवा में होलोग्राफिक इंटरफेस बन जाता है. या फिर बाजू पर बने टैटू को फोन की तरह कैसे इस्तेमाल कर लिया जाता है. मूवी मेकर्स की कल्पना देखकर लगने लगा है कि फोन स्क्रीन धीरे धीरे खत्म हो जाएंगी, उनकी जगह क्या होनेवाला है इसके बारे में जानने के लिए सुनिए हमारा नया नवेला पॉडकास्ट "टेक्टोनिक विद मुन्ज़िर अहमद".