एक चील ने पहले एक साँप को फिर एक मेंढक को अपने पंजों में दबोच लिया। चील दोनों को पंजों में दबोचे हुए आसमान में उड़ने लगी। चील जब तक ऊँचाई पर पहुँचती तब तक साँप और मेंढक दोनों चील के पंजों में सहज हो चुके थे।
साँप ने देखा सामने पास ही में एक मेंढक है। साँप मेंढक को निगलने के लिए लपका। उधर मेंढक ने देखा कि बगल में एक साँप है और उसकी तरफ झपट रहा है। साँप को झपटते देख मेंढक दूसरी तरफ छलाँग मारकर उससे बचने की कोशिश करने लगा। मौत के पंजों में दबे साँप और मेंढक की फितरत देख चील मुस्कराने लगी।
चील आज भी मुस्करा रही होगी।