ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी 2019, द लैंसेट के अनुसार, 2019 में भारत में वायु प्रदूषण के कारण 1.67 मिलियन मौतें हुईं, जो देश में कुल मौतों का 17.8 प्रतिशत थी. इसी सर्वे में पाया गया है कि 1990 से 2019 तक एम्बिएंट पार्टिकुलेट मैटर पॉल्यूशन के कारण डेट रेट में 115.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसके अलावा, 2019 में भारत में समय से पहले होने वाली मौतों से हुए नुकसान के कारण 28.8 बिलियन डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ. भारत वायु प्रदूषण संकट को हल करने में असमर्थ क्यों है? क्या हमें वायु प्रदूषण के साथ जीना सीखना होगा? एनडीटीवी-डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया टीम ने अनुमिता रॉय चौधरी, कार्यकारी निदेशक, रिसर्च एंड ऐड्वकसी, सीएसई से वायु प्रदूषण के मुद्दे पर बातचीत की.