Before Meals Mantra भोजन पूर्व मंत्र ★
Before Meals Mantra भोजन पूर्व मन्त्र
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ॐ सह नाववतु, सह नौ भुनक्तु, सह वीर्यं करवावहै
तेजस्वि नावधीतमस्तु मा विद्विषावहै ॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
अन्नपूर्णे सदापूर्णे शंकर प्राण वल्लभे ।
ज्ञान वैराग्य सिद्धयर्थम् भिक्षाम् देहि च पार्वति।।
ब्रह्मार्पणं ब्रह्महविर्ब्रह्माग्नौ ब्रह्मणा हुतम् |
ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं ब्रह्मकर्म समाधिना ।। ★
अर्थात्
परमेश्वर हम शिष्य और आचार्य दोनों की साथ-साथ रक्षा करें, हम दोनों को साथ-साथ विद्या के फल का भोग कराए, हम दोनों एकसाथ मिलकर विद्या प्राप्ति का सामर्थ्य प्राप्त करें, हम दोनों का पढ़ा हुआ तेजस्वी हो, हम दोनों परस्पर द्वेष न करें।
माँ अन्नपूर्णा शिव की शक्ति हैं, शिव जी का जीवन संगिनी है, वे संपूर्ण है। अनादिकाल से अन्नपूर्णा जुड़ाव को अन्न का वरदान दे रहा है और अनंत तक वे अन्न का प्रसाद प्रदान करते रहेंगे। हम भी माँ अन्नपूर्णा से हमारे ज्ञान और वैराग्य के इस मार्ग में सिद्धि प्राप्त करने हेतु आवश्यक अन्न रूपी प्रसाद के भिक्षा की याचना करते हैं व माँ हमें अन्न की भिक्षा प्रदान करें।
(जिस यज्ञ में) अर्पण ब्रह्म है, हवन-द्रव्य भी ब्रह्म है, तथा ब्रह्मरूप कर्ता के द्वारा ब्रह्मरूप अग्नि में आहुति देने की क्रिया भी ब्रह्मरुप है- उस ब्रह्मकर्मरुप समाधि द्वारा प्राप्त किये जाने योग्य फल भी ब्रह्म ही है ।