समय आ चुका है कि अब समूची दुनिया पिघलते ग्लेशियर की समस्या की गम्भीरता को समझे। इस समय मानव जाति जलवायु परिवर्तन, परमाणु युद्ध, जैव विविधता का विनाश, ओज़ोन परत में सुराख, जनसंख्या में बेतहाशा बढ़ोत्तरी आदि समस्याओं का भी सामना कर रही है। अब यह साफ हो गया है कि यदि अब इस मामले में हमने देरी कर दी तो निकट भविष्य में अन्य जीव-जंतुओं के साथ-साथ मानव जीवन के अस्तित्व पर भी खतरा मंडराने लगेगा।