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(यह अंक विशेषतौर पर महिलाओं पर केंद्रित मुद्दों को लेकर रिकार्ड किया गया है. इस सप्ताह मीडिया रंबल कार्यक्रम होने की वजह से साप्ताहिक चर्चा रिकार्ड नहीं किया गया.)
एनएल चर्चा का यह विशेष अंक है. इस अंक में न्यूज़रूम में महिलाओं की उपस्थिति, फील्ड में काम करने के दौरान उनको मिलने वाली चुनौतियां और सोशल मीडिया पर उनके साथ किए जाने वाले दुर्व्यवहार पर चर्चा की गई.
चर्चा में इस हफ्ते बतौर मेहमान स्वतंत्र पत्रकार और लेखक प्रियंका दुबे, द मूकनायक की फाउंडर एडिटर मीना कोटवाल, स्वतंत्र पत्रकार नीतू सिंह, पत्रकार निधि सुरेश शामिल हुईं. संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
न्यूज़रूम में महिलाओं की उपस्थिति को लेकर अतुल द्वारा पूछे गए सवाल पर प्रियंका कहती हैं, "महिलाओं को पहली बात तो मौके कम मिलते हैं. दूसरा कई बार उनके साथ दुर्व्यवहार भी होता है, जिसे वह घर और दफ्तर में बता नहीं पाती हैं क्योंकि उससे उनको कम मौके दिए जाते हैं. महिलाओं को उनके घर और ऑफिस में सेफ स्पेस दिया जाना चाहिए ताकि वह अपनी बातों को खुलकर शेयर कर सकें. साथ ही उन्हें सपोर्ट किया जाना चाहिए."
नीतू कहती हैं, "छोटे क्षेत्रों और खासकर ग्रामीण इलाकों में काम करने के दौरान महिलाओं के लिए चुनौतियां और बढ़ जाती हैं. साथ ही इन इलाकों में ऐसा माना जाता है कि मीडिया क्षेत्र महिलाओं के लिए नहीं है."
वहीं निधि कहती हैं, "कई बार बालात्कार के मामलों में कई दिन बीत जाने के बाद मीडिया संस्थान अपने रिपोर्टरों को वहां भेजने से कतराते हैं यह कहकर की स्टोरी तो आ गई है अब वहां क्या बचा है?"
मीना अपनी बात रखते हुए कहती हैं, "मुख्यधारा की मीडिया में महिला पत्रकारों को बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. मुख्यधारा के साथ-साथ बहुत से बहुजन चैनल भी हैं लेकिन वहां जब महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर बात होती है तो वहां बातचीत महिला नहीं बल्कि पुरूष करते हैं.
पत्रकारों की राय, क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए
प्रियंका दुबे
ऑल डैट ब्रीथ - डॉक्यूमेंट्री
https://www.imdb.com/title/tt16377862/
मीना कोटवाल
जूठन - किताब
https://amzn.eu/d/aBnLKHf
फिल्म गिली पुच्छी
https://scroll.in/reel/992816/the-secret-sauce-of-geeli-pucchi-the-most-loved-film-in-ajeeb-daastaans
निधि सुरेश
सिया - फिल्म
https://www.imdb.com/title/tt21398196/
नीतू सिंह
खबरों की हेडलाइन में महिलाओं को लेकर संवेदनशीलता होना चाहिए
अतुल चौरसिया
न्यूज़लॉन्ड्री और ऑक्सफैम की सालाना - मीडिया में धर्म जाति और लिंग पर अधारित रिपोर्ट
https://www.themediarumble.com/reports
प्रोड्यूसर- चंचल गुप्ता
एडिटिंग - उमराव सिंह
ट्रांसक्राइब - अश्वनी कुमार सिंह
.
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By Newslaundry.com5
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(यह अंक विशेषतौर पर महिलाओं पर केंद्रित मुद्दों को लेकर रिकार्ड किया गया है. इस सप्ताह मीडिया रंबल कार्यक्रम होने की वजह से साप्ताहिक चर्चा रिकार्ड नहीं किया गया.)
एनएल चर्चा का यह विशेष अंक है. इस अंक में न्यूज़रूम में महिलाओं की उपस्थिति, फील्ड में काम करने के दौरान उनको मिलने वाली चुनौतियां और सोशल मीडिया पर उनके साथ किए जाने वाले दुर्व्यवहार पर चर्चा की गई.
चर्चा में इस हफ्ते बतौर मेहमान स्वतंत्र पत्रकार और लेखक प्रियंका दुबे, द मूकनायक की फाउंडर एडिटर मीना कोटवाल, स्वतंत्र पत्रकार नीतू सिंह, पत्रकार निधि सुरेश शामिल हुईं. संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
न्यूज़रूम में महिलाओं की उपस्थिति को लेकर अतुल द्वारा पूछे गए सवाल पर प्रियंका कहती हैं, "महिलाओं को पहली बात तो मौके कम मिलते हैं. दूसरा कई बार उनके साथ दुर्व्यवहार भी होता है, जिसे वह घर और दफ्तर में बता नहीं पाती हैं क्योंकि उससे उनको कम मौके दिए जाते हैं. महिलाओं को उनके घर और ऑफिस में सेफ स्पेस दिया जाना चाहिए ताकि वह अपनी बातों को खुलकर शेयर कर सकें. साथ ही उन्हें सपोर्ट किया जाना चाहिए."
नीतू कहती हैं, "छोटे क्षेत्रों और खासकर ग्रामीण इलाकों में काम करने के दौरान महिलाओं के लिए चुनौतियां और बढ़ जाती हैं. साथ ही इन इलाकों में ऐसा माना जाता है कि मीडिया क्षेत्र महिलाओं के लिए नहीं है."
वहीं निधि कहती हैं, "कई बार बालात्कार के मामलों में कई दिन बीत जाने के बाद मीडिया संस्थान अपने रिपोर्टरों को वहां भेजने से कतराते हैं यह कहकर की स्टोरी तो आ गई है अब वहां क्या बचा है?"
मीना अपनी बात रखते हुए कहती हैं, "मुख्यधारा की मीडिया में महिला पत्रकारों को बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. मुख्यधारा के साथ-साथ बहुत से बहुजन चैनल भी हैं लेकिन वहां जब महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर बात होती है तो वहां बातचीत महिला नहीं बल्कि पुरूष करते हैं.
पत्रकारों की राय, क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए
प्रियंका दुबे
ऑल डैट ब्रीथ - डॉक्यूमेंट्री
https://www.imdb.com/title/tt16377862/
मीना कोटवाल
जूठन - किताब
https://amzn.eu/d/aBnLKHf
फिल्म गिली पुच्छी
https://scroll.in/reel/992816/the-secret-sauce-of-geeli-pucchi-the-most-loved-film-in-ajeeb-daastaans
निधि सुरेश
सिया - फिल्म
https://www.imdb.com/title/tt21398196/
नीतू सिंह
खबरों की हेडलाइन में महिलाओं को लेकर संवेदनशीलता होना चाहिए
अतुल चौरसिया
न्यूज़लॉन्ड्री और ऑक्सफैम की सालाना - मीडिया में धर्म जाति और लिंग पर अधारित रिपोर्ट
https://www.themediarumble.com/reports
प्रोड्यूसर- चंचल गुप्ता
एडिटिंग - उमराव सिंह
ट्रांसक्राइब - अश्वनी कुमार सिंह
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