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इस हफ्ते चर्चा के प्रमुख विषय विपक्षी नेताओं समेत पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं के आईफोन पर एप्पल द्वारा भेजा गया हैकिंग अलर्ट का संदेश एवं इसके बाद शुरू हुआ राजनीतिक विवाद और आबकारी नीति से जुड़े मामले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को समन और उनका 2 नवंबर को पेश नहीं होना आदि रहे.
हफ्ते की अन्य सुर्खियों में 2017 में लागू हुई इलेक्टोरल बॉन्ड व्यवस्था के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ द्वारा फैसला सुरक्षित रखना और आईआईटी बीएचयू की छात्रा के साथ बदसलूकी कर उसका वीडियो बनाया जाना आदि मुद्दे भी शामिल रहे.
इसके अलावा भारत में सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के अनुसार, अक्टूबर महीने में बेरोजगारी दर पिछले दो वर्षों के मुकाबले और ज्यादा बढ़ी, एक के बाद एक सिलसिलेवार तरीके से ईडी की छापेमारी और जहरीली होती जा रही दिल्ली की हवा आदि मुद्दों ने भी हफ्तेभर तक लोगों का ध्यान खींचा.
वहीं, केरल में कन्वेंशन सेंटर में ईसाई समुदाय की प्रार्थना सभा के दौरान हुए ब्लास्ट में तीन लोगों की मौत और तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की गुरुवार को लोकसभा की आचार समिति में पेशी के दौरान हुआ हंगामा आदि मुद्दे भी सुर्खियों में छाए रहे.
इस हफ्ते चर्चा में साइबर कानून विशेषज्ञ पवन दुग्गल ने हिस्सा लिया. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री टीम से मुख्य संपादक रमन किरपाल, स्तंभकार आनंद वर्धन और हृदयेश जोशी शामिल रहे. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.चर्चा के प्रमुख विषय आईफोन में हैकिंग अलर्ट को लेकर अतुल मेहमानों से सवाल करते हैं, “क्या सिर्फ विपक्ष के फोन पर अलर्ट आना और उनका केंद्र सरकार पर जासूसी करने का आरोप लगाना सही है? या फिर यह किसी बड़े संशय या संदेह की तरफ इशारा है कि ऐसा हो सकता है?”
इसके जवाब में पवन दुग्गल कहते हैं, “यह लोगों की एक गलत धारणा है कि जिस एप्पल के फोन वो खरीद कर इस्तेमाल कर रहे हैं वो पूरी तरह से सुरक्षित है क्योंकि दुनिया भर में कोई भी ऐसा फोन आजतक निर्मित ही नहीं हुआ है, जो पूरी तरह से हैकिंग प्रूफ हो या जिसे हैक न किया जा सके. इतना जरूर है कि एप्पल का फोन एंड्रॉयड के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित है. साथ ही एप्पल कंपनी भी अपने उपभोक्ताओं की निजता का सम्मान करती है और उसे सुरक्षित रखने के प्रयास में कुछ ठोस कदम उठाती है.”
वे आगे कहते हैं, “एप्पल ने हाल ही में भारतीय सहित 150 देशों के उपभोक्ताओं को राज्य प्रायोजित हैकरों द्वारा निशाना बनाने को लेकर अलर्ट किया है. कंपनी का ये भी कहना था कि हो सकता है कि अलर्ट गलत हो या पूरी तरह से सही ना हो पर वो एक हिदायत जरूर दे रहे हैं ताकि उपभोक्ता सतर्क हो जाए.”
इसी मामले पर आनंद वर्धन कहते हैं, “इस मामले में भारत सरकार की (सीईआरटी-इन ) इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम द्वारा जांच शुरू कर दी गई है. भारत की एक ऐसी राजनीतिक संरचना है कि यह अपने नागरिकों के कई मामलों में दखलअंदाजी करने का अपना अधिकार कभी नहीं छोड़ेगा क्योंकि कई अन्य देशों सहित भारत भी एक सिक्योरिटी स्टेट है.”
हृदयेश जोशी कहते हैं, “इसके लिए समाज का एक हिस्सा भी जिम्मेदार है, जो बड़ी आसानी से ये कह देता है कि मेरे पास छुपाने के लिए कुछ नहीं है और यह सोचता है कि सरकार के खिलाफ बोलना गलत काम है. अधिकारों को बहुत ज्यादा त्यागने की प्रवृत्ति की कीमत चुकानी पड़ेगी. आज हमारी जो भी जानकारी इंटरनेट पर मौजूद है, वो सब असुरक्षित है. एक पत्रकार के तौर पर मैंने ये देखा है कि हर चीज में आत्मसमर्पण का जो भाव है, उसकी वजह से आज बहुत हद तक इंटरनेट पर हमारी सुरक्षा में सेंध लगी है.”
सुनिए पूरी चर्चा.
टाइम्स कोड्स
00 - 05:13 - इंट्रो और जरूरी सूचना
5:14 - 27:20 - इलेक्टोरल बॉन्ड
27:20 - 30:53 - सुर्खियां
30:54 - 1:13:00 - विपक्षी नेताओं के जासूसी के आरोप और निजता का अधिकार
1:13:00 - 1:24:35 - दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर ईडी की कार्रवाई
1:24:35 - सलाह और सुझाव
ट्रांसक्राइब: सत्येंद्र चौधुरी
प्रोड्यूसर: चंचल गुप्ता
एडिटर: उमराव सिंह
Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.
By Newslaundry.com5
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इस हफ्ते चर्चा के प्रमुख विषय विपक्षी नेताओं समेत पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं के आईफोन पर एप्पल द्वारा भेजा गया हैकिंग अलर्ट का संदेश एवं इसके बाद शुरू हुआ राजनीतिक विवाद और आबकारी नीति से जुड़े मामले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को समन और उनका 2 नवंबर को पेश नहीं होना आदि रहे.
हफ्ते की अन्य सुर्खियों में 2017 में लागू हुई इलेक्टोरल बॉन्ड व्यवस्था के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ द्वारा फैसला सुरक्षित रखना और आईआईटी बीएचयू की छात्रा के साथ बदसलूकी कर उसका वीडियो बनाया जाना आदि मुद्दे भी शामिल रहे.
इसके अलावा भारत में सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के अनुसार, अक्टूबर महीने में बेरोजगारी दर पिछले दो वर्षों के मुकाबले और ज्यादा बढ़ी, एक के बाद एक सिलसिलेवार तरीके से ईडी की छापेमारी और जहरीली होती जा रही दिल्ली की हवा आदि मुद्दों ने भी हफ्तेभर तक लोगों का ध्यान खींचा.
वहीं, केरल में कन्वेंशन सेंटर में ईसाई समुदाय की प्रार्थना सभा के दौरान हुए ब्लास्ट में तीन लोगों की मौत और तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की गुरुवार को लोकसभा की आचार समिति में पेशी के दौरान हुआ हंगामा आदि मुद्दे भी सुर्खियों में छाए रहे.
इस हफ्ते चर्चा में साइबर कानून विशेषज्ञ पवन दुग्गल ने हिस्सा लिया. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री टीम से मुख्य संपादक रमन किरपाल, स्तंभकार आनंद वर्धन और हृदयेश जोशी शामिल रहे. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.चर्चा के प्रमुख विषय आईफोन में हैकिंग अलर्ट को लेकर अतुल मेहमानों से सवाल करते हैं, “क्या सिर्फ विपक्ष के फोन पर अलर्ट आना और उनका केंद्र सरकार पर जासूसी करने का आरोप लगाना सही है? या फिर यह किसी बड़े संशय या संदेह की तरफ इशारा है कि ऐसा हो सकता है?”
इसके जवाब में पवन दुग्गल कहते हैं, “यह लोगों की एक गलत धारणा है कि जिस एप्पल के फोन वो खरीद कर इस्तेमाल कर रहे हैं वो पूरी तरह से सुरक्षित है क्योंकि दुनिया भर में कोई भी ऐसा फोन आजतक निर्मित ही नहीं हुआ है, जो पूरी तरह से हैकिंग प्रूफ हो या जिसे हैक न किया जा सके. इतना जरूर है कि एप्पल का फोन एंड्रॉयड के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित है. साथ ही एप्पल कंपनी भी अपने उपभोक्ताओं की निजता का सम्मान करती है और उसे सुरक्षित रखने के प्रयास में कुछ ठोस कदम उठाती है.”
वे आगे कहते हैं, “एप्पल ने हाल ही में भारतीय सहित 150 देशों के उपभोक्ताओं को राज्य प्रायोजित हैकरों द्वारा निशाना बनाने को लेकर अलर्ट किया है. कंपनी का ये भी कहना था कि हो सकता है कि अलर्ट गलत हो या पूरी तरह से सही ना हो पर वो एक हिदायत जरूर दे रहे हैं ताकि उपभोक्ता सतर्क हो जाए.”
इसी मामले पर आनंद वर्धन कहते हैं, “इस मामले में भारत सरकार की (सीईआरटी-इन ) इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम द्वारा जांच शुरू कर दी गई है. भारत की एक ऐसी राजनीतिक संरचना है कि यह अपने नागरिकों के कई मामलों में दखलअंदाजी करने का अपना अधिकार कभी नहीं छोड़ेगा क्योंकि कई अन्य देशों सहित भारत भी एक सिक्योरिटी स्टेट है.”
हृदयेश जोशी कहते हैं, “इसके लिए समाज का एक हिस्सा भी जिम्मेदार है, जो बड़ी आसानी से ये कह देता है कि मेरे पास छुपाने के लिए कुछ नहीं है और यह सोचता है कि सरकार के खिलाफ बोलना गलत काम है. अधिकारों को बहुत ज्यादा त्यागने की प्रवृत्ति की कीमत चुकानी पड़ेगी. आज हमारी जो भी जानकारी इंटरनेट पर मौजूद है, वो सब असुरक्षित है. एक पत्रकार के तौर पर मैंने ये देखा है कि हर चीज में आत्मसमर्पण का जो भाव है, उसकी वजह से आज बहुत हद तक इंटरनेट पर हमारी सुरक्षा में सेंध लगी है.”
सुनिए पूरी चर्चा.
टाइम्स कोड्स
00 - 05:13 - इंट्रो और जरूरी सूचना
5:14 - 27:20 - इलेक्टोरल बॉन्ड
27:20 - 30:53 - सुर्खियां
30:54 - 1:13:00 - विपक्षी नेताओं के जासूसी के आरोप और निजता का अधिकार
1:13:00 - 1:24:35 - दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर ईडी की कार्रवाई
1:24:35 - सलाह और सुझाव
ट्रांसक्राइब: सत्येंद्र चौधुरी
प्रोड्यूसर: चंचल गुप्ता
एडिटर: उमराव सिंह
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