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इस हफ्ते वक़्फ़ क़ानून में संशोधन का बिल लोकसभा और राज्यसभा में पास होने और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ के भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव को लेकर विस्तार से बातचीत हुई.केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा मणिपुर में राष्ट्रपति शासन का प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित करवाने, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दुनियाभर के देशों पर रियायती रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा करने, दिल्ली सरकार के कानून मंत्री कपिल मिश्रा पर दिल्ली में दंगे भड़काने के मामले में अदालत द्वारा एफआईआर दर्ज करने के आदेश देने, कोलकाता हाईकोर्ट के टीचरों की नियुक्ति रद्द करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बरक़रार रखने, जम्मू कश्मीर के पूंछ ज़िले में एक माइन फटने के बाद लाइन ऑफ़ कंट्रोल पर पाकिस्तानी आर्मी द्वारा युद्धविराम तोड़े जाने और तेलंगाना सरकार द्वारा हैदराबाद यूनिवर्सिटी के नज़दीक कांचा बाली वन क्षेत्र में 400 एकड़ ज़मीन पर लगे पेड़ों को गिराने के खिलाफ छात्रों के प्रदर्शन कऱने आदि ख़बरें हफ्तेभर के दौरान सुर्खियों मेंइस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार माधवन नारायणन, इंडियन सिविल सर्वेंट ज़फर महमूद शामिल हुए. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह संपादक शार्दूल कात्यायन और विकास जांगड़ा ने हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने कियावक़्फ़ संशोधन बिल के मामले पर चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “वक़्फ़, हिंदुस्तान की तीसरी ऐसी बॉडी जिसके पास सबसे ज़्यादा ज़मीने हैं और अब उसमें नए प्रावधान के बाद कुछ ऐसी चीज़ें हो सकती हैं जिससे मुसलमानों के सामने दिक़्क़त खड़ी की जाएगी, ऐसी भाजपा की नीयत है. इसमें कितनी सच्चाई है और इसमें क्या-क्या चिंताइस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए ज़फर कहते हैं, “पहली बार यह कांसेप्ट आया है कि मुसलमानों की प्रॉपर्टीज़ मैनेज करने के लिए गैर मुसलमान ज़रूरी हैं. यह अजीब सा कांसेप्ट है और अगर सरकार चाहे तो 50% से ज़्यादा ग़ैर मुसलमान हो सकते है.
सुनिए पूरी चर्चा-
टाइमकोड्स
00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना
04:00 - सुर्खियां
17:36 - वक़्फ़ संशोधन बिल विवाद 01:00:40 - अमेरिका ने घोषित की नई टैरिफ दरें
01:29:08 - सब्सक्राइबर्स के पत्र
01:33:00 - सलाह और सुझाव
ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमा
प्रोड्यूसर: आशीष आनंद
संपादन: आशीष आनंद
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इस हफ्ते वक़्फ़ क़ानून में संशोधन का बिल लोकसभा और राज्यसभा में पास होने और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ के भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव को लेकर विस्तार से बातचीत हुई.केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा मणिपुर में राष्ट्रपति शासन का प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित करवाने, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दुनियाभर के देशों पर रियायती रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा करने, दिल्ली सरकार के कानून मंत्री कपिल मिश्रा पर दिल्ली में दंगे भड़काने के मामले में अदालत द्वारा एफआईआर दर्ज करने के आदेश देने, कोलकाता हाईकोर्ट के टीचरों की नियुक्ति रद्द करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बरक़रार रखने, जम्मू कश्मीर के पूंछ ज़िले में एक माइन फटने के बाद लाइन ऑफ़ कंट्रोल पर पाकिस्तानी आर्मी द्वारा युद्धविराम तोड़े जाने और तेलंगाना सरकार द्वारा हैदराबाद यूनिवर्सिटी के नज़दीक कांचा बाली वन क्षेत्र में 400 एकड़ ज़मीन पर लगे पेड़ों को गिराने के खिलाफ छात्रों के प्रदर्शन कऱने आदि ख़बरें हफ्तेभर के दौरान सुर्खियों मेंइस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार माधवन नारायणन, इंडियन सिविल सर्वेंट ज़फर महमूद शामिल हुए. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह संपादक शार्दूल कात्यायन और विकास जांगड़ा ने हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने कियावक़्फ़ संशोधन बिल के मामले पर चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “वक़्फ़, हिंदुस्तान की तीसरी ऐसी बॉडी जिसके पास सबसे ज़्यादा ज़मीने हैं और अब उसमें नए प्रावधान के बाद कुछ ऐसी चीज़ें हो सकती हैं जिससे मुसलमानों के सामने दिक़्क़त खड़ी की जाएगी, ऐसी भाजपा की नीयत है. इसमें कितनी सच्चाई है और इसमें क्या-क्या चिंताइस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए ज़फर कहते हैं, “पहली बार यह कांसेप्ट आया है कि मुसलमानों की प्रॉपर्टीज़ मैनेज करने के लिए गैर मुसलमान ज़रूरी हैं. यह अजीब सा कांसेप्ट है और अगर सरकार चाहे तो 50% से ज़्यादा ग़ैर मुसलमान हो सकते है.
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टाइमकोड्स
00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना
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17:36 - वक़्फ़ संशोधन बिल विवाद 01:00:40 - अमेरिका ने घोषित की नई टैरिफ दरें
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