Fear Relieving Mantra भयमुक्ति मंत्र ★
"सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते। भयेभ्याहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तु ते ॥
एतत्ते वदनं सौम्यं लोचनत्रयभूषितम्
पातु न: सर्वभीतिभ्यः कात्यायनि नमोऽस्तु ते॥
ज्वालाकरालमत्युग्रमशेषासुरसूदनम्।
त्रिशूलं पातु नो भीतेर्भद्रकालि नमोऽस्तु ते ॥" ★
अर्थात् :- सर्वस्वरूपा, सर्वेश्वरी तथा सब प्रकार की शक्तियों से सम्पन्न दिव्यरूपा दुर्गे देवि! सब भयों से हमारी रक्षा करो; आपको नमस्कार है।
हे कात्यायनी! यह तीन लोचनों से विभूषित आपका सौम्य मुख सब प्रकार के भयों से हमारी रक्षा करे। आपको नमस्कार है।
हे भद्रकाली! ज्वालाओं के कारण विकराल प्रतीत होनेवाला, अत्यन्त भयंकर और समस्त असुरों का संहार करनेवाला आपका त्रिशूल भय से हमें बचाये। आपको नमस्कार है।