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हिंदी के अप्रतिम साहित्यकारों में से एक, जया जादवानी को रेडियो प्लेबैक इंडिया, तथा बोलती कहानियाँ की ओर से हार्दिक मंगलकामनाएँ! प्रस्तुति: निमिषा सिंघल
एक चाय की प्याली में ‘शहद’ जितना
एक ‘तारे’ जितना समूचे आसमान में
एक सांस के लिए हवा जितने
गिरते समय ‘ओ गॉड’ जितने
आँख में बस एक आँसू जितने
लाली जितने लज्जा के गालों में
एक सिसकी जितने याद में
कंठ में एक हिचकी जितने
एक मुठ्ठी राहत जितने थके तन में
‘आया’ जितने इस रक्तरंजित बदहवास दुनिया में
बस एक आखिरी साँस जितने अंत में
मांगता है जो जितना, उसे उतना मिले
मुझे बहुत थोड़ा सा ‘तुम’ चाहिए.’ - जया जादवानी
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हिंदी के अप्रतिम साहित्यकारों में से एक, जया जादवानी को रेडियो प्लेबैक इंडिया, तथा बोलती कहानियाँ की ओर से हार्दिक मंगलकामनाएँ! प्रस्तुति: निमिषा सिंघल
एक चाय की प्याली में ‘शहद’ जितना
एक ‘तारे’ जितना समूचे आसमान में
एक सांस के लिए हवा जितने
गिरते समय ‘ओ गॉड’ जितने
आँख में बस एक आँसू जितने
लाली जितने लज्जा के गालों में
एक सिसकी जितने याद में
कंठ में एक हिचकी जितने
एक मुठ्ठी राहत जितने थके तन में
‘आया’ जितने इस रक्तरंजित बदहवास दुनिया में
बस एक आखिरी साँस जितने अंत में
मांगता है जो जितना, उसे उतना मिले
मुझे बहुत थोड़ा सा ‘तुम’ चाहिए.’ - जया जादवानी
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