प्रकृति ने जीवन को कितना सरल और सुंदर बनाया, पर हम अपनी अज्ञानता के कारण इसे जटिल बना देते हैं! हम कभी अपने विचारों में, तो कभी परिस्थितियों में, कभी लोगो के मंतव्यों में, तो कभी स्वयं की धारणाओं में ही उलझे रहते है। ये सब जीवन का अंग है। बस प्रसन्न रहो और प्रसन्नता बाँटों।
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