This is a trailer to give you a glimpse of our upcoming podcast series on Mahabharata
आइए आपको लेकर चलता हूँ एक अति प्राचीन माहगाथा के सफर पर। आज से ५००० वर्ष से भी पहले के अति सर्वनाशकारी महायुद्ध हुआ जिसमे न सिर्फ भगवान ने धर्म की सिख दिया और स्वयं पार्थ सारथी बन उस रण का संचालन किया अपितु स्वयं अपने प्रण को दरकिनार कर अस्त्र भी उठाया।
और आज पाँच हजार वर्ष बाद, कुरुक्षेत्र के उस धर्म युद्ध को हम हस्तिनापुर राज्य प्राप्ति मात्र का युद्ध मानते हैं। जहाँ इतिहास और मिथक और सृजन्टमक स्वतंत्रता के समागम ने अनेक नवीन नायकों को गढ़ लिए हैं, वहीं नायकों को भी पदभ्रष्ट कर दिया गया। कृष्ण कपटी हो गए और शकुनि कृष्ण को टक्कर दे सके ऐसा शातिर राजनीतिज्ञ।
पर क्या आपको वास्तव में ही लगता है कि एक पारिवारिक कलह के युद्ध को भगवान धर्मयुद्ध बताएंगे? क्या वास्तव में उन्होंने ने गीता अर्जुन को उसे युद्ध में संमलित होने के लिए सुनाया था? क्या परित्रणाय साधू नमः विनश्चयस दुष्टकरताम धर्म संस्थापनए संभावमी युगे युगे का कोई अर्थ नहीं था?
कहीं ऐसा तो नहीं को हम से कहीं कोई चूक हो गई... और इन सब में महाभारत का मूल दर्शन मानो कहीं खो सा गया है — The Lost Epic.
महाभारत पर ही आधारित मेरे उपन्यास The Accursed God जो आपकी ही वजह से ऐमज़ान पर सर्वाधिक बिकने वाले उपनन्यास का गर्व हासिल कर पाया है।
और अब मैं विवेक दत्त मिश्र आपके पास प्रस्तुत हो रहा हूँ हर हफ्ते महाभारत के कुछ आयामों को लेकर, चर्चा करने उनके मूल दर्शन पर, उन्मूलन करने उन निराधार प्रसंगों को जो भ्रामक हैं और हमारी महान संस्कृति पर ग्रहण बननें के कोशिश कर रहे हैं। हम और आप मिलकर पुनः समझेंगे की क्यों महाभारत की कथा ५००० बाद भी महाभारत सर्वकालिक सर्वदेशीय है — contemporary and relevant.
हर हफ्ते ३० सितंबर २०२२ से, हम और आप निकलेंगे उसे सफर पर जिसका उद्देश होगा महाभारत एक खोज — decoding Mahabharata with Vivek, यानि की मेरे साथ।