Share NEXT LEVEL ASTROLOGY
Share to email
Share to Facebook
Share to X
By Next Level Astrology
The podcast currently has 10 episodes available.
👉नमस्कार! Next Level Astrology के इस Astro Podcast में हम जुड़ रहे हैं आदरणीय गौतम दवे जी से।
सबसे पहले हम बताना चाहते हैं आदरणीय गौतम दवे जी के बारे में जिन्होंने ज्योतिष में काफी लम्बा समय दिया और इन्होंने कई अनुभव इस यात्रा में लिए। इन्होंने ज्योतिष की कई सारी पुस्तकें भी लिखी हैं।
आज लगभग कितना समय आपको ज्योतिष मैं हो गया?
👉आदरणीय गौतम दवे जी: लगभग 2007 में मैंने ज्योतिष में कदम रखा और आज 13 से 14 साल लगभग मुझे हो गया इस क्षेत्र में। वैसे ये विद्या सालों से नहीं गिनी जाती। यह विद्या बहुत तपस्या के बाद आती है।
हम जानना चाहते हैं कि क्या है पदम् चक्र?
👉आदरणीय गौतम दवे जी: पदम् चक्र एक ऐसी पद्धत्ति है जिसे कई प्रकार से देखा जाता है जैसे होरा लग्न या कई अन्य प्रकार। इसमें एक चक्र बनाया जाता है और यह 360 डिग्री का होता है। और 12 राशियों का प्रति डिग्री के हिसाब से 360 डिग्री का एक चक्र बनाया जाता है। और एक साल का यह चक्र होता है। यह होचार वर्ष को निकालने के लिए होता है, गोचर मास एवं गोचर दिन निकालने के लिए होता है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में कोई ग्राहक बाधक है तो वह किसी न किसी प्रकार से बढ़ा जरूर पहुँचायेगा। यह आदरणीय गौतम दवे जी के जो अनुभव हमने आज इस Astro Podcast के माध्यम से यहाँ सुनें और जानें, वे वाकई में एक उम्दा जानकारी है। जिससे ज्योतिष शास्त्र के विद्यार्थियों को बहुत सहायता प्राप्त होगी। हम आदरणीय गौतम दवे जी को धन्यवाद देना चाहते हैं कि उन्होंने अपना कीमती समय हमें दिया और हमें बहुत ही अच्छे से कई प्रकार की जानकारियाँ दी।
👉नमस्कार, स्वागत है आप सभी का Next Level Astrology के Astro Podcast में। आज हम अपने इस वीडियो में जुड़ने वाले हैं ज्योतिष व्याकरण, पुराण, आचार्य माननीय नीरज पाराशर जी से। यहाँ हम माननीय नीरज पाराशर जी के उनके ज्योतिष अनुभव के बारे में जानेंगे और इस यात्रा के दौरान उनके जीवन में जो उतार चढ़ाव आये उसके बारे में भी जानेंगे।
👉माननीय नीरज पाराशर जी: मेरा बहुत ही छोटी उम्र में संस्कृत के क्षेत्र में आना हुआ। हमारा परिवार बहुत ही साधारण था। और आगरा के पास ही मेरा गाँव है वहीं मैंने संस्कृत में अध्ययन किया, वैसे तो मुझे पहले से ही संस्कृत में रूचि थी। मैं एक वर्ष वृंदावन धाम में रुका और इसके बाद मैं राजस्थान चला गया। मैंने श्रीगंगानगर से ज्योतिष का अध्ययन किया और तीन विषयों से आचार्य की उपाधि ली व्याकरण, ज्योतिष और पुराण। संस्कृत से ही बनारस से पीएचडी भी की।
आज के समय में युवा नशे की ओर, गलत खान पान की ओर बहुत बढ़ रहे हैं इसका कोई ज्योतिषीय कारण है?
👉माननीय नीरज पाराशर जी: ज्योतिषीय कारण से या कुंडली के दोष के कारण ऐसा होता है। जैसे जब राहु ग्रहण योग बन जाता है गुरु चांडाल योग बनता है तब इस प्रकार की स्थिति उत्पन्न होती है। आखिर वह कौन सा ग्रह है जो नौ ग्रह से भी ऊपर है?
👉नमस्कार!
आज हम Next Level Astro Podcast के माध्यम से जुड़ने जा रहे हैं आदरणीय डॉ. अनिल तिवारी जी से। मांगलिक दोष के विषय में लोगों के मन में कई प्रकार के भ्रम है। और कई बार ज्योतिषी भी मांगलिक दोष के विषय में लोगों के मन में भ्रम उत्पन्न कर देते हैं कि अगर मांगलिक दोष है तो ऐसा हो जायेगा वैसा हो जायेगा। क्या वास्तव में मांगलिक दोष हानि पहुँचा सकता है। तो चलिए जानते हैं आदरणीय डॉ. अनिल तिवारी जी के जीवन के ज्योतिष से जुड़े हुए कई अनुभवों के बारे में।
👉डॉ. अनिल तिवारी जी: बचपन से मेरा गुप्त विद्याओं और ज्योतिष के प्रति का रूझान रहा। मैं जब लगभाग 20 वर्ष का था तो मेरे पिता की मृत्यु हो गई थी। और जैसा मैंने आपको बताया कि ज्योतीष के प्रति मेरा रुझान था तो मैंने मेरे पिता की मृत्यु के पश्चात इस क्षेत्र में और अधिक रूचि लेना प्रारम्भ कर दी। मैंने वेदों को पढ़ा, स्कंद पुराण में ज्योतिष को पढ़ा। और कई प्रकार से ज्योतिष को समझा, मुझे यह समझ आया कि ज्योतिष वास्तव में है क्या कई प्रकार के अनुभव मुझे हुए। सबसे पहले तो ज्योतिष में एकरुपता लाने के लिए हमें वैज्ञानिकता से जुड़ना होगा जानना होगा इसका वैज्ञानिक कारण क्या है।
👉जैसे हम शास्त्रों को पढ़ते हैं और जैसे गुरु सूर्य की स्थिति को समझने के लिए हम 7 तरीको का प्रयोग करते हैं। कई प्रकार के लोग होते है जैसे कुछ लोग आस्थावान होते हैं तो कुछ लोग वैज्ञानिक सोच रखते हैं। जो लोग आस्थावान होते हैं उन्हें ग्रह, नक्षत्र और सभी चीज़ें आसानी से समझ आ जाती है क्योंकि वे इस पर विश्वास करते हैं लेकिन जो लोग वैज्ञानिक सोच रखते हैं वे तर्क वितर्क करते हैं। इसलिए ज्योतिष विद्या का भी वैज्ञानिक तरीके से अध्ययन होना आवश्यक है।
👉आज हम Next Level Astrology के Astro Podcast के माध्यम से डॉ. मनोज भाटिया जी के साथ जुड़ने जा रहे हैं जो देश के जाने पहचाने ज्योतिष विद्वान हैं। आज हम इनसे ज्योतिष के बारे में कई बातें जानेंगे और जानेगे कि इनका अनुभव ज्योतिष यात्रा के दौरान कैसा रहा।
👉जब आपने ज्योतिष की तरफ कदम रखा तो क्या कभी आपको ऐसा नहीं लगा कि यह विज्ञान उलझनों से भरा हुआ है। 👉डॉ मनोज भाटिया: मुझे ऐसा बिल्कुल लगा और मुझे महसूस हुआ कि यह एक बहुत कठिन विज्ञान है। इसमें इतनी सारी पद्धत्ति हैं जो कई प्रकार से आपको मार्ग दिखाती हैं इनको हम उपाय भी कह सकते हैं और इन्हें हम तकनीक भी कह सकते हैं। और ये मार्ग कई प्रकार के होते हैं कठिन भी हो सकते हैं और सरल भी हो सकते हैं। वहीं मेरा कहना है कि अगर आप ज्योतिष के क्षेत्र से जुड़ रहे है तो 1 या 2 पद्धत्ति पर ही ध्यान केंद्रित करें क्योंकि सभी पद्धत्ति आपको एक ही मार्ग पर लेकर जाएँगी। सबकी जननी वैदिक ही है। अगर आपको वैदिक का ज्ञान है तो आपको ज्योतिष की सभी पद्धत्तियाँ समझ आ जाएँगी। वैदिक से ही सब कुछ है। वैदिक से ही बाकि सभी ज्योतिष पद्धत्तियाँ निकली हैं। सूर्य-शनि सैद्धांतिक मित्रता को दर्शाते हैं। इस दौरान सूर्य-शनि साथ में विराजमान होते हैं और ये आपको उन्नत्ति दिला सकते हैं।
👉आज हम यहाँ एक ऐसे ज्योतिष आचार्य से बात कर रहे हैं जिन्होंने कभी नहीं चाहा था कि वे ज्योतिष के क्षेत्र में आएं। और जिनको लगता था कि ज्योतिष ठगी की विद्या है। चलिए जानते हैं ज्योतिष के कुछ अनोखे अनुभव और जुड़ते हैं ज्योतिष आचार्य माननीय मुकुट बिहारी जी से।
👉माननीय मुकुट बिहारी जी: जब कोई व्यक्ति इस क्षेत्र में नहीं होता और जब वह किसी ज्योतिष के पास जाता है और उसको ऐसा कह दिया जाता है कि ये पूजा कर लो ऐसा कर लो तुम्हारा कल्याण हो जायेगा, तुम्हारा काम बन जाएगा। या ये पूजा हम कर देते हैं तुम्हारा काम बन जाएगा। तब मुझे ऐसा लगता था कि ऐसा कैसे हो सकता है, मतलब एक पूजा करवाने से कैसे कोई काम हो सकता है? काम तो जब हम करेंगे तो होगा नहीं करेंगे तो नहीं होगा। लेकिन अब इस सच्चाई का पता लगा है कि वो जो ऊपर बैठा है वो बहुत बड़ा कारीगर है। जो इस ज्योतिष क्षेत्र में अपने कर्म के प्रति सच्चे हैं। तो उनके मुख से निकला हर वाक्य ब्रह्म वाक्य होता है।
👉अगर कोई सच में विद्वान् व्यक्ति है, तपस्वी व्यक्ति है तो वह भ्रमित करने वाली शब्दावली का प्रयोग नहीं करते। लेकिन जिसको ज्ञान ही नहीं है और अपने मन से या यहाँ वहाँ से सुनकर लोगों को बताना शुरू कर दिया उनका हाथ या कुंडली देखना शुरू कर दिया वे लोग तो लोगों को भ्रमित ही करेंगे।
👉मेरे पास एक ज्योतिषी आये थे उनकी उम्र लगभग 65 - 70 वर्ष के लगभग थी। उन्होंने एक उपकरण ख़रीदा और उसको समझने के लिए वे मेरे पास आये। तो मैंने उस उपकरण को देखा और उन्हें बताया कि इससे आपकी नवांश कुंडली निकलेगी। तो उन्होंने मुझसे पूछा कि ये नवांश क्या होता है?
तब मुझे महसूस हुआ कि इन्होंने तो अपना परिचय बहुत बड़े ज्ञाता पंडित के रूप में दिया है लेकिन इन्हें तो कई चीज़ों का ज्ञान ही नहीं है। और उन्होंने एक बात और कही कि या उपकरण तो सिर्फ दिखाने के लिए है बोलूँगा तो मैं अपने मन से ही, उनकी इस बात ने मुझे बहुत अधिक चौंका दिया। ज्योतिष विज्ञान बहुत विशाल है और इसमें सीखने के लिए बहुत कुछ है।
👉आज हम आपके सामने प्रस्तुत हैं माननीय डॉ बिहारी लाल जी के साथ। जिनका कहना है कि हमारे सामने दो ही रास्ते हैं चलने के लिए- या तो हम उजाले में चलें या हम अँधेरे में चलें। उजाले में चलने का नाम है ज्योतिष के साथ चलना और अँधेरे में चलने का नाम है ज्योतिष के बिना चलना। इनका कहना यह भी है कि जरुरी नहीं की उजाले में चलने वाला हर व्यक्ति सफल ही होगा और अँधेरे में चलने वाला हर व्यक्ति असफल होगा।
👉माननीय डॉ बिहारी लाल जी: मैं प्रायः एक बात कहा करता हूँ कि मानव जीवन में कोई भी कार्य हम अगर संपन्न करना चाहते हैं तो हमारे सामने केवल दो ही रास्ते होते हैं या तो हम उजाले में चलें या हम अँधेरे में चलें। उजाले में चलने का नाम है ज्योतिष के साथ चलना और अँधेरे में चलने का नाम है ज्योतिष के बिना चलना। इनका कहना यह भी नहीं है कि उजाले में चलने वाला हर व्यक्ति सफल ही होगा और इनका कहना यह भी नहीं है कि अँधेरे में चलने वाला हर व्यक्ति असफल ही होगा।
👉क्या है ज्योतिष शास्त्र?
यह एक बहुत पवित्र शास्त्र है जिसके द्वारा ऋषि मुनियों ने कई भविष्यवाणियाँ की और आज भी की जा रही हैं। लेकिन इसका सही और पूर्ण ज्ञान होना बहुत आवश्यक जिससे आज के समय में लोगों को अल्प ज्ञान हैं। ज्योतिष शास्त्र कितने श्लोक हैं कितनी विधाएँ हैं और कितने मंत्र हैं? इनका सही और पूर्ण ज्ञान बहुत आवश्यक है तो चलिए जानते हैं इसके बारे में?
👉ज्योतिष शास्त्र को अच्छे से जानने के लिए कम से कम 20 साल की पढ़ाई और अनुभव दोनों ही चाहिए। ऐसी कई सारी चीज़ें हैं जिन पर आज के समय में ध्यान नहीं दिया जा रहा। और परिणाम स्वरुप हर ज्योतिषी एक अलग ही प्रकार का मत रखता है और ज्योतिषी आपस में एक ही बात पर एक मत नहीं हो पाते।
👉 "हम नहीं चलते हमको चलाने वाला कोई और है" - ग्रह, नक्षत्र या कर्म?
👉आज हमारे बीच हैं आदरणीय श्री परमेन्द्र चतुर्वेदी जी। जिनके साथ आज हम कुछ ज्योतिष शास्त्र और ज्योतिषी पर विशेष चर्चा करने वाले हैं। श्री परमेन्द्र चतुर्वेदी जी ने मात्र 12 वर्ष की आयु में ज्योतिष और वेद शिक्षा में प्रवेश ले लिया। इसके बाद इन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन सांस्कृतिक और संस्कृत जैसे विभिन्न क्षेत्रों को समर्पित कर दिया।
👉कई लोग ऐसे भी आते हैं जो यह भी बोलते हैं कि हमने कहीं कुंडली दिखाई और उन्होंने हमें ये सब बताया, हमारे साथ धोखा हुआ। तो इस प्रकार कि कई चीज़ें भी सामने आई। और वही लोग जब इस क्षेत्र में आ जाते हैं और वे सम्पूर्ण ज्ञान न होने पर भी दूसरों को उनका भविष्य बताते हैं और वही करते हैं जो उनके साथ हुआ। तब मन में विचार आता है कि आप भी तो लोगों के साथ वही धोखा कर रहे हो जो आपके साथ हुआ। फिर आप दोनों में क्या अंतर रहा।
Next Level Astrology is an effort to reach the absolute truth of astrology with the help of Astro Podcast and Astro Conferences.
The podcast currently has 10 episodes available.