पूनम अहमद ठाणे में रहती हैं, फाइन आर्ट्स से एम् ए हैं। बचपन से पढ़ने का बहुत शौक था और आज भी बहुत पढ़ती हैं ,पढ़ते पढ़ते लिखना भी शुरू कर दिया, इनकी अब तक 550 कहानियां और 200 लेख देश की कई प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। । चार कथा संग्रह आ चुके हैं, पांचवें पर काम कर रही हैं।
इनकी आज की कहानी है, बालक , भोले भाले गंगू की कहानी जिसका दिल बहुत साफ़ है जो बस प्यार करना जानता है, निभाना जानता है।