Rin Mukti Jain Mantra ऋण मुक्ति जैन मन्त्र ★
ये श्लोक मात्र एक बार ही बोलें~
"सर्वदा वासुपूज्य अस्य
नाम्ना शान्तिम् जय श्रियं
रक्षा कुरु धरासुतो
अशुभोऽपि शुभ भवः ।।
फिर इस मंत्र को रोज मात्र बारह बार बोलें: (हथेली में उंगलिओं में जो १२ जोड़ हैं, उन पर) ~
‡ ॐ ह्रीं श्रीं भौमाय पूजिताय श्री वासुपूज्य स्वामिने नमः || ‡
मंत्र पूरे एकाग्र चित्त से जपें।
ये मंत्र:
१. शांति प्रदान करता है. (इसका अर्थ बहुत गंभीर है)
जिस पर कर्जा हो, वो शान्ति में कैसे जी सकता है? परन्तु मंत्र प्रभाव से वो शान्ति से जीयेगा.
शांति से तभी जीयेगा जब ऋण से मुक्ति होगी. मतलब ऋण से मुक्ति इस मंत्र के प्रभाव से हो जाती है).
२. हर कार्य सिद्ध करता है.
३. रुका हुआ पैसा आता है.
४. शत्रु/सरकार/कोर्ट केस में रक्षा करता है.
सबसे विशेष:
५. अशुभोऽपि शुभ भवः
जो अभी अशुभ दिख रहा है, वो शुभ में कन्वर्ट हो जाएगा.