Shri Ghantakarna Mahaveer Siddhidayak Stotra श्री घंटाकर्ण महावीर सिद्धिदायक स्तोत्र ●
जैन मंत्रों में घंटाकर्ण महावीर की साधना सबसे बलशाली है। कईयों को तो घंटाकर्ण महावीर के दर्शन करने से ही "डर" लगता है। जिनके मन में भावना अच्छी नहीं होती, उन्हें ही घंटाकर्ण महावीर से डर लगता है।
श्री घंटाकर्ण महावीर सिद्धिदायक चमत्कारी स्तोत्र
(उच्चारण स्पष्ट और शुद्ध करना आता हो तो ही पढ़े, अन्यथा दूसरे से ही एक बार सुन लें. ये भी व्यवस्था ना हो तो भक्तिपूर्वक "नमस्कार" करके नीचे लिखा मंत्र जप करें)
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ॐ घंटाकर्णो महावीरः सर्वव्याधि-विनाशकः।
विस्फोटक भयं प्राप्ते, रक्ष-रक्ष महाबलः ॥1॥
यत्र त्वं तिष्ठसे देव! लिखितोऽक्षर-पंक्तिभिः।
रोगास्तत्र प्रणश्यन्ति, वात पित्त कफोद्भवाः ॥2॥
तत्र राजभयं नास्ति, यान्ति कर्णे जपात्क्षयम्।
शाकिनी -भूत वेताला, राक्षसाः प्रभवन्ति नो ॥3॥
नाकाले मरणं तस्य, न च सर्पेण दृश्यते।
अग्नि चौर भयं नास्ति, नास्ति तस्य प्यरि-भयं
ॐ ह्वीं श्रीं घंटाकर्ण ||४||
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ऊपर वाला स्तोत्र पढ़ने के बाद नीचे लिखे मंत्र का 21 बार जप करें:
घंटाकर्ण महावीर का मंत्र :
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ॐ घंटाकर्ण महावीर नमोस्तु ते ठः ठः ठः स्वाहा। ★