मैं ना भूलूँगा, मैं ना भूलूँगा
इन रस्मों को, इन कसमों को
इन रिश्ते-नातों को
मैं ना भूलूँगा, मैं ना भूलूँगा
इन रस्मों को, इन कसमों को
इन रिश्ते-नातों को
मैं ना भूलूँगा, मैं ना भूलूँगा
समय की धारा में
समय की धारा में उमर बह जानी है
जो घड़ी जी लेंगे
जो घड़ी जी लेंगे वही रह जानी है
मैं बन जाऊँ साँस आखिरी
मैं बन जाऊँ साँस आखिरी, तू जीवन बन जा
जीवन से साँसों का रिश्ता मैं ना भूलूँगी
मैं ना भूलूँगी, मैं ना भूलूँगी, मैं ना भूलूँगा
बरसता सावन हो, महकता आँगन हो
कभी दिल दूल्हा हो, कभी दिल दुल्हन हो
गगन बन कर झूमें, पवन बन कर घूमें
चलो राहे मोड़े, कभी ना संग छोड़े
कहीं पे छुप जाना हैं, नज़र नहीं आना हैं
कहीं पे बस जायेंगे, ये दिन कट जायेंगे
अरे, क्या बात चली? वो देखो रात ढली
ये बातें चलती रहें, ये रातें ढलती रहें
मैं मन को मंदिर कर डालूँ, तू पूजन बन जा
मंदिर से पूजा का रिश्ता मैं ना भूलूँगा
मैं ना भूलूँगा, मैं ना भूलूँगी
मैं ना भूलूँगा, मैं ना भूलूँगी
इन रस्मों को, इन कसमों को
इन रिश्ते-नातों को
मैं ना भूलूँगा, मैं ना भूलूँगी
मैं ना भूलूँगा, मैं ना भूलूँगी
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