श्री विनोद कुमार जी सद्गुरुदेव के अत्यन्त प्रिय सेवाव्रती- शिष्य हैं। बाल्यकाल से ही आप सद्गुरुदेव के प्रकाश में मात्र 8 वर्ष की अल्पावस्था से ही विहंगम योग की साधना का अभ्यास कर रहें हैं। आप इस विमल ज्ञान धारा से सन् 1996 से ही जुड़े हैं। सन् 2005 में वर्ष झूँसी आश्रम आ गये। यहाँ आने के बाद सद्गुरुदेव की सेवा में रहने का सौभाग्य प्राप्त हुवा। अब आप आश्रम की सेवा के साथ साथ अपना अध्ययन भी करते रहे। आप झूँसी आश्रम पर महारानी मुक्ति देवी पुस्तकालय में रहकर सेवा-कार्य प्रदान करते रहे। आप सद्गुरुदेव के साथ देश के विभिन्न भागो में प्रचार-भ्रमण में जाते रहे। आप एक मेधावी छात्र के रूप में अपना परिचय दे चुके हैं। आपमें एक दृढ़ संकल्प शक्ति है, एक अप्रतिम सहयोग और सद्भाव की भावना है, स्वाध्याय और सत्संग के प्रति गहरा लगाव है, भारतीय संस्कृति के प्रति एक गहरी संवेदना है और सद्गुरुदेव के प्रति अटूट भक्ति है। आप युवा-शक्ति के एक प्रेरक प्रतिक हैं और सिद्धान्त एवं व्यवहार में एकरूपता रखने वाले तथा अपने से बड़ों का अत्यधिक सम्मान करने वाले एक विनम्र सेवक हैं।