हर शाम घर लौटने के बाद कोई न कोई ये सवाल जरूर आपसे पूछता होगा.. तो कैसा रहा आज का दिन? हम भी बस यही पूछ रहे हैं। बस, अच्छा.... कहकर सवाल को दफा कर देने वाले अंदाज से बाहर आकर क्या आप हमें कुछ ऐसा बता सकते हैं, अपने दिन के बारे में जो कुछ यादगार बन जाए हम सबके लिए। हर दिन अलग होता है, जरूरी नहीं ये दिन अच्छा हो...अनुभव हंसाना वाला ही हो या कुछ सिखाने वाला ही। आपका दिन जैसा भी गया हो, उसमें अगर कुछ नयापन था तो जरूर वह सुनाने लायक रहा होगा... तो फिर हमें सुनाइए न। इंतजार रहेगा हर शाम। आज सुनिए शिवांगी के दिन का हाल ।